रशिया-जर्मनी पाइपलाइन के खिलाफ अमरीका सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेगी – नव नियुक्त विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन की चेतावनी

वॉशिंग्टन/बर्लिन – ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ ईंधन प्रकल्प रोकने के लिए हम सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे, ऐसी तीव्र चेतावनी अमरिका के नए विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दी है। इसके साथ ही, युरोपियन संसद ने भी इस प्रकल्प पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं और इस वजह से जर्मनी और रशिया के सामने की कठिनाइयों में बढ़ोतरी होती दिख रही है। अमरीका की इस चेतावनी पर जर्मनी ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और चैन्सेलर एंजेला मर्केल ने, अमरीका की यह चेतावनी उचित ना होने की प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वहीं, जर्मनी के एक वरिष्ठ मंत्री ने यह जताया है कि यदि ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ पूरा नहीं हुआ, तो काफी बड़ी क़ानूनी मुश्‍किलों का सामना करना पड़ेगा।

russia-germanyअमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन ने संसद के सामने हुई सुनवाई के दौरान, जर्मनी और रशिया की महत्वाकांक्षी ईंधन पाइपलाइन पर अपनी भूमिका स्पष्ट की। ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ ईंधन पाइपलाइन प्रकल्प पूरा ना हो सकें, इसके लिए आवश्‍यक होनेवाली हर एक कोशिश हम करेंगे। इस प्रकल्प का काम पूरा करने के लिए कदम उठाना संभव ना हो, इसके लिए अमरीका हाथ में उपलब्ध सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेगी। इसी माध्यम से मित्रदेश और साझेदार होनेवाले जर्मनी जैसें देश पीछे हटें, इसके लिए कोशिश जारी रहेगी’, यह चेतावनी ब्लिंकन ने दी।

russia-germanyअमरीका के विदेशमंत्री का यह बयान यानी नये प्रतिबंधों की चेतावनी होने की बात समझी जा रही है। इसपर जर्मनी ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। ‘जर्मनी ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ के मुद्दे पर अमरीका की नई सरकार के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। रशिया के साथ ईंधन क्षेत्र और व्यापार में किस स्तर तक संबंध रखने हैं, ऐसें मुद्दों पर निर्णय करना होगा। लेकिन, अमरीका द्वारा दिए जा रहें प्रतिबंधों के इशारे हम उचित नहीं समझते’, यह बयान जर्मन चान्सलर एंजेला मर्केल ने किया है। जर्मनी की पर्यावरण मंत्री स्वेना शुल्झ ने यह डर जताया है कि यदि ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ प्रकल्प का काम पूरा नहीं हुआ, तो जर्मनी को कई क़ानूनी मुश्‍किलों का मुकाबला करना पड़ेगा

russia-germanyयुक्रैन के साथ कई दशकों से जारी विवाद और वर्ष २०१४ में हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि पर, रशिया ने युरोपिय देशों को ईंधन की आपूर्ति करने के लिए अन्य विकल्प की खोज करना शुरू किया था। इसमें ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ एक अहम हिस्सा है और इस प्रकल्प का पहला चरण कार्यान्वित हुआ है। इसकी क्षमता ५५ अरब घनमीटर ईंधन गैस की सप्लाई करने की है और ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ के माध्यम से यही क्षमता बढ़ाकर ११० अरब घनमीटर करने की योजना है। इसके लिए रशिया और जर्मनी ने समझौता किया है और दोनों देशों ने यह प्रकल्प पूरा करने की तैयारी भी शुरू की है। इस प्रकल्प के लिए ११ अरब डॉलर्स की लागत हो रही है और इसके अंतिम चरण का काम शुरू होने की बात कही जा रही है।

इसी बीच, अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों को नज़रअंदाज़ करके ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ का काम पूरा करने के लिए जर्मनी और रशिया ने विकल्प ढूँढ़ लिया है, ऐसे दावे भी पिछले महीने में सामने आए थे।

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