ईरान को हथियारों की बिक्री करने पर अमरीका प्रतिबंध लगाएगी

वॉशिंग्टन/तेहरान – संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों का अवधि रविवार के दिन ख़त्म हुआ। इसके बाद ईरान ने मित्रदेशों से हथियार खरीदने का ऐलान किया है। इसके साथ ही क्रोधित हुए अमरीका ने इसके आगे ईरान को हथियारों की बिक्री करने पर प्रतिबंध लगाने का इशारा दिया। तभी ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमरीका कर रही कोशिश नाकाम हुई है, यह आलोचना ईरान के विदेश मंत्रालय ने की है।

Iran-missile-sanctionsसंयुक्त राष्ट्रसंघ ने दस वर्ष पहले ईरान पर लगाए प्रतिबंधों का अवधि रविवार के दिन खत्म हुआ। इन प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाने की माँग अमरीका ने बीते महीने में ही की थी। बीते महीने में अमरीका ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के सामने इससे संबंधित प्रस्ताव भी रखा था। ईरान हथियारों से सज्जित होने पर खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण होगा, यह इशारा भी अमरीका ने दिया था। लेकिन, संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अमरीका का यह प्रस्ताव ठुकराने के बाद ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध ख़त्म होंगे, यही बात समझी जा रही थी।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिबंध हटने पर ईरान ने मित्रदेशों के साथ हथियारों की खरीद-बिक्री करने का ऐलान किया। ईरान ने मित्रदेशों का स्पष्ट ज़िक्र करना टाल दिया। इसी बीच रशिया ईरान को मिसाइल विरोधी ‘एस-४००’ यंत्रणा प्रदान कर रही है। तो ईरान के साथ २५ वर्षों के लिए सामरिक सहयोग के लिए समझौता करनेवाला चीन भी ईरान को हथियारों से सज्जित करने के लिए तैयार है। बीते सप्ताह में ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने चीन की यात्रा करके इससे संबंधित चर्चा करने का दावा हो रहा है।

हथियारों की खरीद से संबंधित ईरान ने शुरू की हुई गतिविधियों पर अमरीका ने आपत्ति जताई है। खाड़ी क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए एवं आतंकवाद विरोधी कार्रवाई कामयाब करने के लिए हर देश ने ईरान के लष्करी संबंधों से दूर रहना होगा, यह आवाहन अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने किया। साथ ही ईरान को किसी भी तरह के हथियार एवं लष्करी तकनीक की बिक्री करनेवाले एवं ईरान से हथियार खरीदनेवाली कंपनी एवं देश पर अमरीका प्रतिबंध लगाएगी, यह इशारा पोम्पिओ ने दिया।

Iran-missile-sanctionsअमरिकी विदेशमंत्री के इस इशारे पर ईरान ने आलोचना की है। अमरीका ने ईरान पर एकतरफा लगाया प्रतिबंध पूरी तरह से असफल साबित हुए हैं, यही बात पोम्पिओ के बयान से स्पष्ट हो रही है, यह दावा ईरान के विदेश मंत्रालय ने किया। साथ ही अमरिकी प्रतिबंधों को ईरान ने पहले भी अहमियत नहीं दी थी और इसके आगे भी नहीं देगा, यह बयान ईरान के विदेश मंत्रालय ने जारी किया है। लेकिन, ईरान कितना भी दावा करता हो फिर भी बीते दो वर्षों से अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों का असर ईरान की अर्थव्यवस्था पर होते हुए दिख रहे है। बीते महीने में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने यह आरोप किया था कि, अमरीका के प्रतिबंधों का परिणाम ईरान की जनता पर हो रहा है।

इसी बीच, ईरान संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिबंधों से मुक्त हुआ है फिर भी रशिया जैसा पुराना मित्रदेश ईरान को हथियारों की बिक्री करने से संबंधित नए समझौते करने की संभावना ना होने के दावे किए जा रहे हैं। ईरान ने रशिया के साथ ‘एस-४००’ से संबंधित किया समझौता पुराना है और रशिया से हथियार खरीदना ईरान की अर्थव्यवस्था के बस की बात ना होने का निष्कर्ष पश्‍चिमी विश्‍लेषकों ने दर्ज़ किया है।

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