रशिया की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए अमरीका जर्मनी को करेगी पाँच ‘पोसायडन’ निगरानी विमानों की सप्लाई

वॉशिंग्टन/बर्लिन – कुछ दिन पहले रशिया की युरोप में चलनेवाली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ‘बॉम्बर्स’ तैनात करनेवाली अमरीका ने, रशिया के विरोध में अधिक आक्रामक कदम उठाने की शुरुआत की है। अमरीका के विदेश विभाग ने जर्मनी को पाँच ‘पोसायडन मेरिटाईम पेट्रोल एअरक्राफ्ट’ की सप्लाई करने के लिए मंज़ुरी दी है। ये विमान निगरानी के साथ ही ‘अँटी सबमरिन वॉरफेअर’ तथा ‘अँटी सरफेस वॉरफेअर’ की क्षमता होनेवाले प्रगत विमानों के रूप में जाने जाते हैं।

posaidon-russia-usअमरीका के विदेश विभाग का भाग होनेवाली ‘डिफेन्स सिक्युरिटी कोऑपरेशन एजन्सी’ ने शुक्रवार को जर्मनी को दिए जानेवाले विमानों के संदर्भ में जानकारी घोषित की। उसके अनुसार, अमरीका की ‘बोईंग’ कंपनी जर्मनी को पाँच ‘पी-८ए पोसायडन’ विमानों की सप्लाई करेगी। इन विमानों के साथ ही इंजन्स, सेन्सर्स, राडार्स, इलेक्ट्रॉनिक काऊंटरमेजर सिस्टिम्स, सॉफ्टवेअर और अन्य संबंधित यंत्रणाएँ भी दीं जानेवालीं हैं। यह समझौता लगभग १.७७ अरब डॉलर्स का है। समझौते के अनुसार अमरिकी अधिकारियों का एक पथक भी दो सालों के लिए जर्मनी में तैनात किया जानेवाला है।

posaidon-russia-us‘नाटो के सदस्य होनेवाले अहम मित्रदेश की सुरक्षा अधिक मज़बूत बनाने के लिए विमानों की बिक्री को मान्यता दी गई है। इस समझौते के कारण युरोप की राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिरता कायम रहने के लिए सहायता होगी। अमरीका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से यह समझौता महत्वपूर्ण साबित होता है’, ऐसा ‘डिफेन्स सिक्युरिटी कोऑपरेशन एजन्सी’ ने अपने निवेदन में स्पष्ट किया है।

posaidon-russia-usअमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अपनी विदेश नीति के प्लान में रशिया को लक्ष्य करने के संकेत दिए थे। जर्मनी को प्रगत निगरानी विमान की सप्लाई करने का फैसला इसीका भाग दिखाई देता है। पिछले महीनेभर में बायडेन प्रशासन ने रशिया को लक्ष्य करने के लिए कई फैसले किए थे। उनमें नॉर्वे स्थित अड्डे पर ‘बॉम्बर्स’ की तैनाती और युक्रेन को १२.५ करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता की घोषणा इन जैसे फैसलों का समावेश है।

posaidon-russia-usइसी बीच, अमरीका हालाँकि नाटो के सहयोगी देशों की सुरक्षा मज़बूत बनाने के लिए कदम उठा रही है, फिर भी रशिया और युरोप के संघर्ष में रशिया ही हावी होगा, ऐसा दावा स्वीडन की लष्करी यंत्रणा ने किया है। ‘स्वीडिश डिफेन्स रिसर्च एजन्सी’ (एफआयओ) ने इस संदर्भ में एक रिपोर्ट जारी की है। उसमें यह जताया गया है कि रशिया के पास बड़े पैमाने पर रक्षा सामर्थ्य उपलब्ध होकर उस बलबूते पर वह ‘नाटो’ के पूर्व युरोप स्थित देशों पर तेजी से हमला कर सकता है। नाटो को प्रत्युत्तर देने के लिए समय मिलने से पहले ही रशिया युरोप के बड़े भाग पर कब्जा कर सकता है, ऐसी चेतावनी भी स्वीडिश यंत्रणा ने दी है।

कुछ दिन पहले पोलैंड के पूर्व लष्करी सलाहकार ने भी, रशिया दो से चार दिनों में युरोप के बाल्टिक देशों पर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है, ऐसा बयान किया था।

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