आतंकवादियों का सहयोग होने वाले – पाकिस्तान में चुनाव पर अमरिका का आक्षेप

इस्लामाबाद: लष्कर-ए-तोएबा एवं अन्य आतंकवादी संघटना के नेता पाकिस्तान में चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए हैं। इसपर अमरिका ने तीव्र चिंता व्यक्त की है और इस बारे में पाकिस्तान को डांटा है। अमरिका के बाद यूरोपीय महासंघ ने भी पाकिस्तान के चुनाव पर अपना आक्षेप जताया है और इससे पहले जापान ने भी पाकिस्तान के चुनाव पर आतंकवादी संगठन का प्रभाव होने की चेतावनी दी थी। दुनिया भर से ऐसी टिका हो रही है और पाकिस्तान के राजनैतिक प्रमुख नेताओं ने भी २५ जुलाई के दिन होने वाले चुनाव निष्पक्ष न होने का आरोप किया है।

मुंबई के आतंकवादी हमला करने वाले हाफिज सईद ने ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ (एमएमएल) नामक राजकीय पक्ष स्थापित करके इस चुनाव में उतरने की तैयारी की थी। पर अमरिका ने लिए आक्षेप के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग को एमएमएल के चुनाव में शामिल होने पर बंदी लानी पड़ी। पर हाफिज सईद ने दूसरे एक पक्ष का आधार लेकर अपने उम्मीदवार इस चुनाव के घेरे में उतारे हैं। इसकी वजह से आतंकवाद का साफ़ तौर पर पुरस्कार करने वाले पाकिस्तान में अन्य कट्टरपंथियों एवं नेता इस चुनाव में शामिल हुए हैं।

आतंकवादियों, सहयोग, पाकिस्तान, चुनाव, आक्षेप, अमरिका, इस्लामाबादइस पृष्ठभूमि पर अमरिका के विदेश मंत्रालय ने इस चुनाव पर चिंता व्यक्त की है और पाकिस्तान के पास आक्षेप जताया है। यूरोपीय महासंघ ने भी ब्रुसेल्स में जारी किए निवेदन से पाकिस्तान में सुरक्षित रूप से चुनाव संपन्न हो, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की है। तथा पाकिस्तान में चुनाव निष्पक्ष और मुक्त तथा आतंकवाद मुक्त वातावरण में संपन्न हुए ऐसा जापान के विदेश मंत्री तारो असो ने पिछले हफ्ते में कहा था। दुनिया भर के प्रमुख देशों से आ रहे इन प्रतिक्रियाओं के पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान में घटनाओं का महत्व अधिक बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रभावशाली लष्कर इस चुनाव में इमरान खान इन के पक्ष तहरीक-ए-इंसाफ को सहायता कर रहे हैं और इस पक्ष के लिए पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा आयएसआय काम कर रही है।

तहरीक के प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों को धमकाने से लालच दिखाने तक के काम आयएसआय के अधिकारी कर रहे हैं। उसी समय फिलहाल कारावास में होनेवाले पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन के पक्ष पर दबाव लाने का एक भी अवसर पाकिस्तान का लष्कर एवं आयएसआय नहीं छोड़ रहा है, ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इसकी वजह से चुनाव के पहले ही निकाल स्पष्ट हुआ है और गैर मामलों द्वारा पाकिस्तान का लष्कर और आयएसआय इमरान खान को सत्ता पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, ऐसा विश्लेषक कहने लगे हैं।

अगर वैसा होता है तो पाकिस्तान में अन्य पक्ष के कार्यकर्ता एवं समर्थक स्वस्थ नहीं रहेंगे और इस देश में भयंकर अराजकता फैलेगी ऐसी चेतावनी इन विश्लेषकों ने दी है। उस समय इस चुनाव पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब से आशंका जताई जा रही है, इसकी तरफ पाकिस्तानी विश्लेषकों ने ध्यान केंद्रित किया है।

इस चुनाव के निर्णय के बाद पाकिस्तान में अराजकता फैलने पर पाकिस्तान के टुकड़े होंगे, ऐसी चिंता इन विश्लेषकों ने व्यक्त की है। इसलिए पाकिस्तान की सेना ने किसी के पक्ष में खड़े रहना टालना चाहिए, ऐसी सलाह विश्लेषक दे रहे हैं। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने वैसी गवाही भी दी थी। पर पाकिस्तान के प्रमुख नेता लष्कर प्रमुख के आश्वासन के ऊपर विश्वास रखने के लिए तैयार नहीं है। वर्तमान वातावरण को देखते हुए पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है, ऐसा खेद यह नेता व्यक्त कर रहे हैं।

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