रशिया को रोकने के लिए अमरीका पूर्वी यूरोप में सेना तैनाती बढ़ा रही है – रक्षामंत्री मार्क एस्पर

वॉशिंग्टन – रशिया की सेना से सटे पूर्वी यूरोप के देशों में अमरीका अपनी सेना की तैनाती कर रही है। रशिया को रोकने के लिए अमरीका यह कदम उठा रही है, ऐसा दावा अमरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने किया है। अमरीका ने बीते महीने में जर्मनी में तैनात अपनी सेना में कटौती करके यह सेना यूरोप के अन्य देशों में तैनात करने का ऐलान किया था। इसके बाद दो दिन पहले ही रशियन सेना ने ऐसी कड़ी चेतावनी दी है कि, हम पर होनेवाले मिसाइल हमलों पर परमाणु हमले से प्रत्युत्तर प्राप्त होगा। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी रक्षामंत्री ने रशिया को रोकने से संबंधित बयान करना ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है।

यूरोप में अमरीका की मौजुदा लष्करी तैनाती में हो रहे इन बदलावों का सहयोगी देशों ने स्वागत किया है। ऐसे में नई तैनाती से अमरीका ने तय किए हुए उद्देश्‍यों की पूर्तता हो रही है। इन बदलावों के बाद भी जर्मनी में अमरीका के 24 हज़ार से अधिक सैनिकों की तैनाती बनी रहेगी और यह यूरोप में हुई सबसे बड़ी तैनाती के तौर पर कायम रहेगी। नाटो का विस्तार हुआ है और यूरोप की सीमा पूर्व की ओर अधिक खिसक गई है, यह बात ध्यान में रखनी होगी, इन शब्दों में अमरिकी रक्षामंत्री ने यूरोप में हुई तैनाती में हो रहे बदलाव का समर्थन किया।

बीते सप्ताह में, अमरीका और पोलैंड के बीच रक्षा समझौता होने का ऐलान पोलैंड के रक्षा मंत्रालय ने किया था। इस समझौते के अनुसार अमरीका के एक हज़ार अतिरिक्त सैनिक पोलैंड के सात अड्डों पर जल्द ही तैनात किए जा रहे हैं। वर्तमान में अमरीका के चार हज़ार से अधिक सैनिक पोलैंड में तैनात हैं और अमरीका अपने देश में स्वतंत्र रक्षा अड्डा स्थापित करे, यह प्रस्ताव भी पोलैंड ने रखा है।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने जून महीने में जर्मनी में तैनात सैनिकों को हटाने की योजना को मंजूरी दी थी। अमरीका अपने मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए जीडीपी के चार प्रतिशत से अधिक राशि खर्च कर रही है और ऐसे में जर्मनी जैसा देश अपने कुल जीडीपी के मुकाबले में मात्र 1.2% राशि रक्षा के लिए खर्च कर रहा है, इन शब्दों में ट्रम्प ने जर्मनी को लेकर नाराज़गी व्यक्त की थी। इसके बाद जुलाई महीने के अन्त में अमरिकी रक्षामंत्री ने इससे संबंधित अधिकृत ऐलान किया था। यूरोप की मौजूदा तैनाती में किए गए यह बदलाव अमरीका की ‘नैशनल डिफेन्स स्ट्रैटेजी’ के तहत होने का दावा भी रक्षामंत्री एस्पर ने किया।

इसके अनुसार यूरोप में अमरीका का लष्करी मुख्यालय बने जर्मनी के अलग-अलग अड्डों पर तैनात 36 हज़ार सैनिकों में से 11,900 सैनिक जर्मनी से हटाए जा रहे हैं। इनमें से 5600 सैनिक इटली, बेल्जियम, पोलैंड एवं अन्य बाल्टिक देशों में तैनात किए जा रहे हैं। साथ ही जर्मनी के स्टुटगार्ट शहर में स्थित ‘यूएस यूरोपियन कमांड’ एवं ‘स्पेशल ऑपरेशन्स कमांड यूरोप’ का मुख्यालय बेल्जियम में स्थानांतरित किया जा रहा है। अमरीका लौट रहे करीबन 6400 सैनिकों में से कुछ सैनिकों की बाद मे ‘ब्लैक सी रीजन’ में तैनाती करने के संकेत अमरिकी सेना अधिकारियों ने दिए थे।

अमरीका ने यूरोप में शुरू की हुई गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर ही रशियन सेना ने दो दिन पहले दिया हुआ इशारा ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है। रशिया या रशिया के मित्रदेशों पर बैलेस्टिक मिसाइल छोड़े गए तो इसे रशिया पर हुआ परमाणु हमला समझा जाएगा और इस कार्रवाई पर रशिया से परमाणु हमले का ही प्रत्युत्तर प्राप्त होगा, यह इशारा रशिया की सेना ने दिया है। इसी बीच रशिया ने शत्रु देशों के लिए ‘रेड लाईन’ का ज़िक्र किया है और यह लाईन पार करने की कोशिश करने पर गंभीर परीणाम भुगतने होंगे, यह इशारा भी दिया था।

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