भारत को किलर ड्रोन्स प्रदान करने के लिए अमरिका की मंजूरी

नई दिल्ली: पाकिस्तान अफगानिस्तान में हमले करने के लिए अमरिका द्वारा इस्तेमाल होनेवाले प्रीडेटर ड्रोन्स भारत को प्रदान करने की योजना को अमरिका ने मंजूरी दी है। भारत को यह ड्रोन्स ना दिए जाए ऐसी शर्त पाकिस्तान ने अमरिका के सामने रखी थी। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका भारत को प्रदान कर रहे लगभग २२ प्रीडेटर ड्रोन्स का महत्व रेखांकित हो रहा है और इस बारे में ३०० करोड डॉलर्स के व्यवहार की वजह से भारत और अमरिका में धारणा तथा सामरिक सहयोग अधिक दृढ़ होने वाला है।

किलर ड्रोन्स, प्रदान, भारत, अमरिका, मंजूरी, नई दिल्ली, पाकिस्तान पिछले वर्ष जून महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरिका दौरे के दौरान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हुई चर्चा में प्रिडेटर ड्रोन्स के विषय में चर्चा की थी। तथा नवंबर महीने में २२ प्रीडेटर ड्रोन्स विमानों के लिए भारत द्वारा लेटर ऑफ रिक्वेस्ट भेजने की जानकारी सामने आई थी। पर इस दौरान अमरिका ने भारत को केवल गश्ती के लिए उपयोग में होनेवाले ड्रोन्स प्रदान करने की तैयारी दिखाई थी। पर अब हमले करने के लिए सक्षम एमक्यू-९ रिपर ड्रोन्स भारत को प्रदान करने की योजना के लिए अमरिका ने मंजूरी दी है।

खाड़ी क्षेत्र में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरिका के कई मित्र देश इस ड्रोन्स की मांग कर रहे थे। पर अमरिका ने उन्हें अनुरुप जवाब नहीं दीया है। एमक्यू-९ रिपर ड्रोन, प्रीडेटर बी इस नाम से यह ड्रोन्स पहचाने जाते हैं। इस मानव रहित विमानों में मिसाइल हमले करने की क्षमता है। इस के साथ ही यह ड्रोन आकाश से जमीन पर हमला करनेवाले तथा इससे जहाज भेदी मिसाइल दागने में भी सक्षम हैं। यह ड्रोन्स दुनिया में अत्यंत विध्वंसक माने जाते हैं। आधुनिक समय में युद्ध का चेहरा इन किलर ड्रोन्स की वजह से बदला हुआ है। इन ड्रोन्स का उपयोग अफगानिस्तान पाकिस्तान एवं इराक के आतंकवाद विरोधी युद्ध में अमरिका ने सफलतापूर्वक किया है। नियंत्रण कक्ष से यह ड्रोन्स नियंत्रित किए जा सकते हैं एवं मिसाइलों की सहायता से अपने लक्ष्य को अचूक रूप से साधा जा सकता है। इसकी वजह से अमरिका ने किसी भी प्रकार का खतरा न उठाते हुए पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अनेक आतंकवादियों को एवं उनके खतरनाक नेताओं को खत्म किया है।

भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने मार्च महीने में अमरिका को भेट दी थी। इससे पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल अमरिका को भेंट देकर आए थे। इनके इस भेंट की वजह से प्रीडेटर ड्रोन्स के बारे में चर्चा होने के संकेत मिल रहे थे। मुख्य तौर पर अमरिका भारत को यह ड्रोन्स प्रदान करने की खबरें पाकिस्तान के माध्यमों में पहले ही प्रसिद्ध हुई थी। इस पर पाकिस्तान के भूतपूर्व लष्करी अधिकारी और विश्लेषकों ने तीव्र चिंता व्यक्त की थी।

जम्मू कश्मीर तथा अन्य जगह पर आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए इन प्रीडेटर ड्रोन्स का उपयोग होगा। यह कार्रवाई करते हुए भारतीय लष्कर को किसी भी प्रकार का खतरा उठाने की जरूरत नहीं होगी तथा जम्मू कश्मीर की नियंत्रण रेखा एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर इन ड्रोन्स की तैनाती करके पाकिस्तान पुरस्कृत घुसपैठी आतंकवादियों को उसी जगह पर ढेर करना भारत को संभव होगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के भूतपूर्व लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे थे। तथा भारत के राष्ट्रीय विश्लेषक इन प्रीडेटर ड्रोन्स की वजह से देश की सुरक्षा अधिक सक्षम होगी, ऐसा विश्वास व्यक्त करते आ रहे हैं।

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