चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए अमरिका और ऑस्ट्रेलिया लष्करी सहकार्य बढ़ाएगा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंग्टन/कैनबरा – ‘’अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग ‘साउथ चायना सी’ को हडपने के लिए चीन कभी भी अपना लष्करी सामर्थ्य इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन चीन की ऐसी कार्रवाई की कीमत चुकानी पड़े, इसके लिए अमरिका ऑस्ट्रेलिया के साथ लष्करी सहकार्य बढाने वाला है’’, ऐसी अमरिका ने घोषणा की है।

आनेवाले सोमवार को अमरिका और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के बीच इस बारे में चर्चा होने वाली है और ऑस्ट्रेलिया चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाए, ऐसा आवाहन इस दौरान अमरिका करनेवाला है।

अमरिका का रक्षा मुख्यालय पेंटागन के आशिया विषयक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रैंडी श्रीव्हर ने दी जानकारी के अनुसार, साउथ चायना सी के साथ साथ अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में चीन की आक्रामकता बढती जा रही है।अब तक चीन ने इस समुद्री क्षेत्र पर अपना अधिकार घोषित करके संबंधित क्षेत्र में लष्करी गतिविधियाँ बढाई हैं।साउथ चायना सी में सौ से भी अधिक कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके इन द्वीपों पर चीन ने अपनी सेना, नौसेना और हवाई दल तैनात किया है।

लेकिन आनेवाले समय में चीन साउथ चायना सी पर संपूर्ण नियंत्रण पाने के लिए अपने लष्करी सामर्थ्य का इस्तेमाल कर सकता है, ऐसा श्रीव्हर ने दावा किया है। इस वजह से चीन की इस आक्रामकता को चुनौती देने के लिए अमरिका ने ऑस्ट्रेलिया के साथ लष्करी सहकार्य बढाने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसके लिए अगले हफ्ते अमरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘ऑसमिन’ बैठक संपन्न होने वाली है।अमरिका में होने वाली इस बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होने वाले हैं। इससे पहले दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों के बीच बैठक हुई हैं। लेकिन यह बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण होने का दावा श्रीव्हरने किया है।

‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र में चीन बढ़ा रहा वर्चस्व यह अमरिका और ऑस्ट्रेलिया की चिंता का प्रमुख कारण है। पिछले कुछ हफ़्तों में चीन ने साउथ चायना सी के द्वीपों पर स्थित विमान भेदी यंत्रणा कार्यान्वित की है और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की तैयारी करने की खबरें भी प्रसिद्ध हुईं हैं।उसी के साथ ही चीन के विध्वंसक, लड़ाकू विमानों की इस समुद्री क्षेत्र में तैनाती बढ़ने का दावा अमरिका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों ने किया है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने साउथ चाइना सी के बारे में यह चेतावनी प्रसिद्ध की है।

इसके अलावा चीन ने अमरिका की नौसेना सामर्थ्य को चुनौती देने की तैयारी करने का दावा ऑस्ट्रेलियन लष्करी विश्लेषक कर रहे हैं। साल भर में चीन की नौसेना अमरिका को भी पीछे छोड़ देगी, ऐसी संभावना ऑस्ट्रेलियन विश्लेषक ने व्यक्त की थी। दौरान, कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया ने साउथ चायना सी में चीन की आक्रामकता की आलोचना की थी। साथ ही एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को एक करके ऑस्ट्रेलिया ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.