अफगानिस्तान से अमरीका की वापसी के बाद अलकायदा दो सालों में संगठित होगा – अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन

• तालिबान के हमलों में २३ अफगान कमांडोज् की मृत्यु
• नाटो के अधिकारियों की युएई, कतार के साथ चर्चा
• कोरोना की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने दूतावास बंद किए
Afghanistan-Al-qaeda-01काबुल/वॉशिंग्टन – अफगानिस्तान से अमरीका की सेनावापसी पूरी होने के बाद अगले 2 सालों में अलकायदा फिर से संगठित होगा, ऐसी चेतावनी अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने दी। ऐसी ही चेतावनी देकर अमरीका की पूर्व विदेश मंत्री कॉंडोलिझा राईस और हिलरी क्लिंटन तथा पूर्व रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने, अफगानिस्तान से सेनावापसी करने के बायडेन प्रशासन के फैसले की कड़ी आलोचना की थी।अफगानिस्तान में तालिबान के हमले अधिक ही तीव्र हुए हैं। एक ही हमले में तालिबान ने अफगानी लष्कर के कमांडो पथक के २३ जवानों को मार दिया। अफगानिस्तान में लगभग २०० स्थानों पर लष्कर और तालिबान के बीच संघर्ष भड़का है। तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान पर कब्जा करने की संभावना इससे अधिक ही मज़बूत हुई है। ऐसी परिस्थिति में रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने दी चेतावनी महत्वपूर्ण साबित होती है।अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अफगानिस्तान से सेना वापसी करने के लिए जल्दबाजी की होने की आलोचना अमरीका में जोर पकड़ रही है। अमरीका के सिनेट में बायडेन प्रशासन को अफगान सेना वापसी पर सवालों का सामना करना पड़ रहा है।Afghanistan-Al-qaedaअमरिकी सिनेट की ‘ऍप्रोप्रिएशन्स कमिटी’ के सदस्य लिंडसे ग्रॅहम ने सेना वापसी के बारे में रक्षा मंत्री ऑस्टिन और अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले से कड़े सवाल पूछे। अफगानिस्तान से पूरी वापसी करने के बाद, अल कायदा और आयएस फिर से संगठित होने की संभावना कितनी है, ऐसा सवाल ग्रॅहम ने किया।सेना वापसी के दो सालों में अलकायदा अफगानिस्तान में फिर से संगठित होगा, ऐसा रक्षामंत्री ऑस्टिन ने कहा। वहीं, अगर अफगानिस्तान में सरकार का तख्ता पलटा अथवा अफगान लष्कर विसर्जित हुआ, तो अलकायदा से होनेवाला खतरा अधिक ही बढ़ेगा, ऐसी चेतावनी अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने दी।

पिछले कुछ दिनों में तालिबान के अफगान जवानों पर हमले तीव्र हुए हैं। अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत के दवलात अबाद जिले में लष्कर ने छेड़ी हुई तालिबान विरोधी मुहिम में २९ लोगों की जान गई। इनमें अफगान कमांडो फोर्स के २३ और पुलिस के ६ जवानों का समावेश है। अफगान लष्कर के लिए यह बड़ा झटका होने का दावा स्थानीय न्यूज़ एजेंसी ने किया। इसके बाद अफगान लष्कर को दवलात अबाद इलाके से वापसी करनी पड़ी।

गुरुवार रात को अफगान लष्कर ने राजधानी काबुल के पास के वारदाक प्रांत में की कार्रवाई में १० तालिबानियों को ढेर किया। पिछले २४ घंटों में डेढ़ सौ से भी अधिक तालिबानी आतंकियों को मार गिराया होने का दावा अफगान रक्षा मंत्रालय कर रहा है। देश में लगभग २०० स्थानों पर लष्कर और तालिबान के बीच संघर्ष शुरू होने की खबरें आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में तालिबान के हमलों के कारण अफगानी लष्कर पीछे हट रहा है और बड़े प्रांत तालिबान के हाथ में जाने का दावा किया जाता है।

तालिबान के इन बढ़ते हमलों के कारण अमरीका और नाटो लष्कर की सहायता करनेवाले अफगानी नागरिकों की जान को खतरा बढ़ा है। अमरीका के लिए एजेंट्स, इंटरप्रीटर, सहायक अथवा कांट्रैक्टर के रूप में काम करनेवालों ने, तालिबान के खौफ से अमरिकी दूतावास में वीज़ा के लिए दौड़ लगाई है। लेकिन अमरिकी दूतावास में लगभग ११४ कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए होकर, एक की मृत्यु हुई है। इस कारण वीजा के लिए अप्लाई करनेवालों के इंटरव्यू स्थगित किये होने का ऐलान दूतावास ने किया। इस कारण अफगानी लोग बड़ी दुविधा में फँसे होने का दावा किया जाता है।

इसी बीच, अफगानिस्तान में नियुक्त नाटो के प्रमुख जनरल स्कॉट मिलर ने युएई का दौरा करके क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन झाएद से मुलाकात की। उसके कुछ घंटे पहले नाटो ने, अफगानी जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए कतार के पास लष्करी अड्डे की उपलब्धता के बारे में पूछा होने की खबर आई थी। उसके कुछ घंटे पहले नाटो ने, अफगानी जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए कतार के पास लष्करी अड्डे की उपलब्धता के बारे में पूछने की खबर आई थी। कतार उसके लिए तैयार होने की खबर जारी हुई थी। उसी समय, तुर्की ने भी अफगानिस्तान की मुहिम के लिए अमरीका को अड्डा प्रदान करने की तैयारी दर्शाई होने के दावे किए जाते हैं। 

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