येमन में अल कायदा के नेता की गिरफ्तारी – संयुक्त राष्ट्रसंघ की जानकारी

वॉशिंग्टन – येमन में मौजूद अल कायदा से जुड़ी ‘अल कायदा इन अरेबियन पेनिन्स्युला’ नामक आतंकी संगठन का नेता ‘खालिद बतार्फी’ गिरफ्तारी में है। बीते कई महीनों से खालिद सुरक्षा यंत्रणा के हिरासत में होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने रपट के माध्यम से प्रदान की है। येमन के अल कायदा के नेता की हुई गिरफ्तारी सबसे बड़ी कामयाबी समझी जाती है। क्योंकि, इसकी गिरफ्तारी की वजह से अल कायदा और अन्य आतंकी संगठनों के नेटवर्क की पोल खुलेगी, यह दावा अमरीका के माध्यम कर रहे हैं।

yemen-al-qaeedaसंयुक्त राष्ट्रसंघ ने दो दिन पहले ही येमन से संबंधित रपट जारी की। इस रपट में येमन में मौजूद अल कायदा से जुड़े संगठन के विरोध में कुछ महीनों पहले बड़ी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान खालिद को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। वहीं, खालिद का उत्तराधिकारी साद अतेफ अल अवलाकी सुरक्षा यंत्रणा की कार्रवाई में मारा गया। येमन को एल-महरैह प्रांत के घायदा शहर में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था।

खालिद को किस स्थान पर कैद किया गया है या येमनी सेना ने यह कार्रवाई की या अन्य देश की या संगठन की सेना ने यह कार्रवाई की, इन सवालों के संतोषजनक जवाब अभी सामने नहीं आए हैं। लेकिन, अल कायदा और इससे जुड़े आतंकी संगठनों की ऑनलाईन गतिविधियों पर नज़र रखनेवाले ‘साईट इंटेलिजन्स ग्रूप’ ने इससे संबंधित अहम जानकारी जारी की है। बीते वर्ष अक्तुबर में यह कार्रवाई की गई थी। येमन की सेना ने खालिद और अल कायदा के अन्य आतंकियों पर कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान खालिद को हिरासत में लिया गया और येमनी सुरक्षा यंत्रणा ने उसे सौदी अरब के हवाले किया था।

yemen-al-qaeedaअमरीका के विदेश मंत्रालय ने वर्ष २०१८ में खालिद को येमन में मौजूद अल कायदा का सबसे बड़ा आतंकी करार देकर उसके सिर पर इनाम घोषित किया था। ९/११ के हमले से पहले खालिद ने अफ़गानिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। अगले दिनों में अमरीका ने अफ़गानिस्तान में हमले करने के बाद खालिद अल कायदा के अन्य आतंकियों की तरह भागकर येमन पहुँचा था। वहां पर उसने अल कायदा से जुड़े संगठन का गठन किया था।

ऐसी स्थिति में खालिद की गिरफ्तारी सबसे बड़ी कामयाबी समझी जाती है। खालिद की गिरफ्तारी की वजह से अल कायदा और इस संगठन से जुड़े अन्य आतंकी संगठन एवं उनके समर्थकों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी, यह दावा अमरिकी माध्यम कर रहे हैं।

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