अफ़गानिस्तान में अल कायदा और आयएस की मौजूदगी नहीं – तालिबान का दावा

Afghanistan-Taliban-IS-01काबुल – अफ़गानिस्तान के जलालाबाद शहर में हुए बम विस्फोट की ज़िम्मेदारी ‘आयएस’ ने स्वीकारी है। इसके बावजूद तालिबान ने अफ़गानिस्तान में अल कायदा और आयएस इन आतंकी संगठनों की मोजूदगी ना होने की बात स्पष्ट की है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बिउल्ला मुजाहिद ने यह ऐलान किया। अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद यह देश आतंकवाद का केंद्र बनेगा, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सता रही चिंता अपनी राह में रोड़ा ना बने, इसके लिए तालिबान यह दावे कर रही है। इसी बीच, अल कायदा की अफ़गानिस्तान में मौजूदगी ना होने का बयान कर रही तालिबान ने अपने मंत्रिमंडल में अल कायदा के दो कमांडर्स को भी स्थान दिया है।

अफ़गानिस्तान के पूर्वीय इलाके के नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद बीते तीन दिनों से बम विस्फोटों से दहल उठी है। शहर में गश्‍त लगा रहे तालिबानी आतंकियों की गाड़ियों को इन बम विस्फोटों से लक्ष्य किया गया था। इन विस्फोटों में कम से कम २५ तालिबानी मारे गए हैं, ऐसा कहकर ‘आयएस-खोरासन’ ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी स्वीकारी थी। साथ ही तालिबान के आतंकियों पर ऐसे हमले जारी रहेंगे, यह धमकी भी ‘आयएस’ ने दी थी।

Afghanistan-Taliban-ISतालिबान ने जलालाबाद में हुए इन हमलों पर अब तक कोई बयान नहीं किया है। लेकिन, आयएस ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी स्वीकारने के बाद तालिबान के प्रवक्ता ज़बिउल्ला मुजाहिद सामने आकर प्रतिक्रिया देने के लिए मज़बूर हुआ है। इराक और सीरिया में जीस तरह ‘आयएस’ की मौजूदगी थी, वैसी अफ़गानिस्तान में नहीं है। ‘आयएस’ से प्रभावित हुए कुछ लोग यह हमले कर रहे हैं और तालिबान उन्हें ठिकाने लगाएगी, यह दावा मुजाहिद ने किया।

आयएस’ की तरह अल कायदा की भी मौजूदगी ना होने का ऐलान मुजाहिद ने इस दौरान किया। लेकिन, वर्ष २००१ में अमरीका ने अफ़गानिस्तान की तोरा-बोरा पहाड़ियों पर हवाई हमले करने के बाद ओसामा बिन लादेन को वहां से बाहर निकालनेवाला उसका अंगरक्षक ‘अनवर उल हक मुजाहिद’ के हाथ में जलालाबाद का नियंत्रण दिया गया है। उसके साथ अल कायदा के पूर्व समर्थक भी मौजूद थे। इसके अलावा कुछ दिन पहले ओसामा का पुराना अंगरक्षक अमिन उल-हक भी जलालाबाद लौट आया था। इस वजह से अल कायदा के पुराने आतंकी और ओसामा के अंगरक्षक जलालाबाद में दाखिल हो रहे हैं, यही बात स्पष्ट हो रही है। फिर भी अल कायदा की मौजूदगी अफ़गानिस्तान में ना होने का दावा तालिबान कर रही है।

क्या तालिबान का प्रमुख जीवित हैब्रिटेन की पत्रिका का सवाल

लंदन – क्या तालिबान ने अपनी सरकार का प्रमुख घोषित किया हुआ मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदज़दा जीवित है? तालिबान का उपप्रमुख मुल्ला बरादर को नज़रबंद तो नहीं किया गया है ना? ऐसे सवाल ब्रिटेन की प्रमुख पत्रिका ने किए हैं। बीते कुछ हफ्तों के दौरान अफ़गानिस्तान में हुई गतिविधियों का दाखिला देकर ‘द स्पेक्टेटर’ नामक पत्रिका ने यह सवाल किए हैं। 

तालिबान का प्रमुख हैबतुल्ला अखुंदज़दा कंदहार में है और अफ़गानिस्तान की सरकार के गठन के बाद अखुंदज़दा अफ़गान जनता के सामने आएगा, ऐसे दावे तालिबान ने किए थे। लेकिन, तालिबानी सरकार के इस ऐलान को एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, फिर भी अखुंदज़दा सामने नहीं आया है। इसका दाखिला देकर ब्रिटीश पत्रिका ने यह आरोप लगाया है कि, अखुंदज़दा की मौत पहले ही हुई है और यह जानकारी तालिबान छुपा रही है।

इसके साथ ही बंदूकों से लैस आतंकियों को बगल में खड़ा करके तालिबान ने मुल्ला बरादर का वीडियो तैयार किया था। इससे तालिबान के प्रभावी गुट ने बरादर को नज़रकैद किया है, ऐसा इस पत्रिका ने कहा है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने बरादर हक्कानी गुट के हिरासत में होने के दावे किए थे।

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