‘आयएस’ की ‘अल हिंद’ दक्षिण भारत में ड़ेरा जमाने की तैयारी में थी – ‘एनआयए’ के आरोप पत्र का खुलासा

नई दिल्ली – दक्षिण भारत के विभिन्न ठिकानों पर छापे मारके ‘एनआयए’ ने बीते वर्ष आतंकी ‘आयएस’ संगठन के भारत में स्थापित मोड्यूल ‘अल हिंद’ की जड़ें उखाड़ी थीं। इन छापों में गिरफ्तार किए गए १७ आतंकियों के खिलाफ़ जाँच एजन्सी ‘एनआयए’ ने आरोप पत्र दाखिल किया है। इसके अनुसार ‘अल हिंद’ दक्षिण भारत में अपना अड्डा स्थापित करके ड़ेरा जमाने की तैयारी में होने की बात स्पष्ट हो रही है।

NIA-Indiaकर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में ‘आयएस’ के ‘अल हिंद’ का मोड्यूल ध्वस्त किया गया था। इस दौरान पकड़े गए आतंकियों से बड़े खुलासे हुए हैं। ‘एनआयए’ ने अपने आरोप पत्र में इसका स्पष्ट ज़िक्र किया हैं। दक्षिण भारत में अड्डा स्थापित करके इस क्षेत्र में ‘आयएस’ का प्रभाव बढ़ाने की योजना तैयार की गई थी। आतंकियों ने कुख्यात तस्कर वीरप्पन पर लिखे गए किताब की खरीदे थे। इस किताब में वीरप्पन पुलिस को चकमा देकर काफी वर्ष तक जंगल में छुपकर रहने में कैसे कामयाब हुआ था, इसका ज़िक्र है।

‘अल हिंद’ के चार आतंकियों ने नवंबर २०१९ में कर्नाटक के शिवाना समुद्र क्षेत्र में अपना अड्डा स्थापित करने की बात तय की थी। वहां पर ड़ेरा जमाकर भारत में ‘अल हिंद’ का पहला प्रांत स्थापित करने का इरादा था और वहां पर ‘इस्लामिक स्टेट’ का वर्चस्व स्थापित करने की साज़िश की गई थी। हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान का भी आतंकियों ने जमावड़ा किया था। इस आतंकी संगठन के निशाने पर कई नेता, अधिकारी और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। इनकी हत्या करके कर्नाटक के कोलार, कोडागु एवं गुजरात के जांबूसार, महाराष्ट्र में रत्नागिरी, आंध्र प्रदेश में चित्तूर और पश्‍चिम बंगाल के बर्दवान और सिलिगुड़ी में छुपने की योजना भी बनाई गई थी।

इस संगठन के दो प्रमुख आतंकी मोईद्दीन और पाशा के उकसाने पर ‘नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न’ (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन हुए थे, यह बात ‘एनआयए’ ने आरोप पत्र में दर्ज़ की है। वर्ष २०१४ में तमिलनाडु में के.पी.सुरेश कुमार की हत्या के मामले में मोईद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, जुलाई २०१९ में ज़मानत पर उसे रिहा किया गया था। तभी से नया मोड्यूल तैयार करने के लिए मोईद्दीन लगातार पाशा के संपर्क में था, यह जानकारी ‘एनआयए’ ने साझा की है। इस संगठन के कुछ सदस्य अभी भी फरार होने जानकारी भी ‘एनआयए’ ने साझा की है।

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