इथिओपिया की सेना के ‘तिगेर’ प्रांत में हवाई हमले अभी भी जारी – लष्करी कार्रवाई में सैंकड़ों लोगों के मारे जाने का दावा

आदिसअबाबा – इथिओपिया की सेना ने ‘तिगेर’ प्रांत में हुए विद्रोह को तोड़ने के लिए आक्रामक हवाई हमले शुरू किए हैं और इस दौरान ड्रोन्स का इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है। इस कार्रवाई के दौरान सैंकड़ों लोग मारे जाने का दावा किया जा रहा है और इस संघर्ष का दायरा बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। पड़ोसी इरिट्रिआ भी इथिओपिया की सरकार की सहायता कर रहा है, ऐसा कहा जा रहा है। साथ ही ‘तिगरे’ के विद्रोहियों से नज़दिकी संबंध रखनेवाले सुदान ने इजिप्ट के साथ लष्करी युद्धाभ्यास शुरू किया है और यह युद्धाभ्यास इथिओपिया की सरकार के लिए इशारा होने की बात समझी जा रही है।

‘तिगेर’

दो सप्ताह पहले इथिओपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने ‘तिगरे’ प्रांत के बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने का ऐलान किया था। इस प्रांत के विद्रोही गुटों ने इथिओपिया के लष्करी अड्डे पर हमला करने से इस पर प्रत्युत्तर देने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है, ऐसा प्रधानमंत्री अहमद ने कहा था। लेकिन, असल में यह कार्रवाई यानी ‘तिगरे’ प्रांत पर सरकार का नियंत्रण स्थापित करने की योजना का हिस्सा होने की बात स्पष्ट हुई है।

‘तिगेर’

बीते सप्ताह में ‘तिगरे’ प्रांत के विद्रोहियों ने पड़ोसी देश इरिट्रिया पर इथिओपियन सेना की सहायता करने के आरोप रखकर उस पर मिसाइल एवं रॉकेट हमले किए। इरिट्रिअन सेना की १६ डिविजन ‘तिगरे’ में शुरू कार्रवाई में शामिल होने का आरोप किया गया था। इथिओपिया एवं इरिट्रिआ की सरकारों ने यह आरोप ठुकराए हैं। लेकिन, इन हमलों की वजह से इथिओपियन सरकार ने शुरू की हुई कार्रवाई बड़े वांशिक एवं क्षेत्रिय संघर्ष में तब्दील होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री अबि अहमद ने बीते वर्ष इरिट्रिआ के साथ शांति समझौता करके दो देशों में कई वर्षों से हो रहा संघर्ष रोकने में सफलता प्राप्त की थी। इसके लिए प्रधानमंत्री अहमद को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। लेकिन, अब उन्हीं के नेतृत्व में ‘तिगरे’ प्रांत में लष्करी कार्रवाई शुरू होने से यह घटना ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई है।

‘तिगेर’

इथिओपिया की लष्करी कार्रवाई में सैंकड़ों लोग मारे गए हैं और ३० हज़ार से अधिक विस्थापित हुए हैं। इन विस्थापितों को फिलहाल सुदान ने पनाह दी है। सुदान की सेना के ‘तिगरे’ प्रांत के विद्रोहियों से नज़दिकी संबंध होने की बात समझी जा रही है। इसी कारण सुदान इस संघर्ष के दौरान विद्रोहियों को सहायता प्रदान कर सकता है, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं। इथिओपियन सेना की कार्रवाई की तीव्रता बढ़ रही है और तभी सुदान ने इजिप्ट के साथ लष्करी युद्धाभ्यास शुरू करना उसी के संकेत समझे जा रहे हैं। इथिओपिया एवं इजिप्ट के बीच ‘नाईल’ नदी के मुद्दे पर विवाद है और ‘तिगरे’ के विद्रोहियों की सहायता करके इजिप्ट इस मुद्दे पर इथिओपियन सरकार के लिए मुश्‍किलें खडी कर सकता हैं।

इथिओपिया, अफ्रीका के ‘हॉर्न ऑफ आफ्रिका’ के तौर पर जाने जा रहे क्षेत्र का हिस्सा है। इसी क्षेत्र के सोमालिया में फिलहाल सरकार और आतंकी संगठनों का संघर्ष जारी है। सोमालिया के साथ जिबौती और नज़दिकी देशों में अमरीका और यूरोपिय देशों के लष्करी अड्डे सक्रिय हैं। उसी समय रशिया इस क्षेत्र में लष्करी अड्डा स्थापित करने की दिशा में गतिविधियां कर रही है। यह पृष्ठभूमि ध्यान में रखें तो इथिओपिया का संघर्ष मात्र सरकार बना बागियों के गुटों तक सीमित नहीं रहेगा और इससे भू-राजनीतिक स्तर पर बड़े परिणाम दिखाई देंगे, ऐसा कहा जा रहा है।

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