पाकिस्तान की सीमा के करीब हुई ‘तेजस’ की तैनाती

नई दिल्ली -ल द्दाख की सीमा पर चीन के साथ तनाव बढ़ा होते हुए पाकिस्तान की सीमा पर किसी तरह से ढीलापन ना हो, इसलिए भारत ने पाकिस्तानी सीमा के करीब अपने लड़ाकू ‘तेजस’ विमानों की तैनाती की है। भारत शत्रु की किसी भी हरकत को प्रत्युत्तर देने के लिए तैयार है, यही संदेशा इससे पहुँच रहा है, ऐसा सरकारी सूत्रों ने वृत्तसंस्था से की बातचीत के दौरान कहा है। तभी भारत एक ही समय पर दोनों मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार होने की बात भी इससे स्पष्ट हो रही है।

लद्दाख की गलवान वैली में दगाबाज़ चीन ने किए हमले में भारत के २० सैनिक शहीद हुए और इसके बाद लद्दाख के करीबी इलाके में भारतीय वायुसेना की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। इस इलाके में ‘सुखोई-३०एमकेआय’, ‘जैग्वार’, ‘मिराज-२०००’ इन लड़ाकू विमानों की तैनाती करके भारतीय वायुसेना ने चीन को चेतावनी दी है। तभी कुछ दिन पहले भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए रफायल विमान भी अब अंबाला के हवाई अड्डे पर तैनात किए गए हैं और यह विमान किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।

ऐसे में कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने भारतीय सीमा के करीब लड़ाकू ‘एफ-१६’ विमानों की तैनाती बढ़ाई थी। ऐसी स्थिति में चीन के साथ पाकिस्तान से बढ़ रहे खतरे को ध्यान में रखकर भारत ने लड़ाकू ‘तेजस’ विमानों की तैनाती करके पाकिस्तान को चेतावनी दी है, यह कहा जा रहा है। तभी जम्मू-कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर उकसानेवाली हरकतें करनेवाले पाकिस्तान को इससे उचित संदेशा प्राप्त हुआ है। वर्ष १९६५ की जंग में अहम ज़िम्मेदारी निभानेवाले ‘फ्लार्इंग डैंगर्स युनिट’ के लड़ाकू ‘तेजस’ विमानों का पहला स्क्वाड्रन पाकिस्तानी सीमा से करीब तैनात किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किए भाषण में पहली बार स्वदेश में बने लड़ाकू ‘तेजस’ विमानों का ज़िक्र किया था। सरकार और ८३ ‘तेजस’ विमानों की खरीद करेगी और इसके लिए जल्द ही समझौता किया जाएगा, यह वादा प्रधानंमत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर किया था। लड़ाकू ‘तेजस’ विमान रशिया के ‘मिग-२६’ विमानों का विकल्प होने की बात चर्चा में है। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय वायुसेना में तेजस की अहमियत बढ़ी है।

इसी बीच बीते महीने में वायुसेनाप्रमुख एअर चीफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया की मौजूदगी में वर्ष १९७१ में पाकिस्तान से हुई जंग में जोरदार ज़िम्मेदारी उठानेवाला भारतीय वायुसेना का ‘फ्लार्इंग बुलेटस्‌ युनिट’ भी लड़ाकू ‘तेजस’ विमानों के दूसरे स्क्वाड्रन से सज्जित किया गया था। इससे पहले तमिलनाडू के सुलूर हवाईअड्डे पर तेजस के दो स्क्वाड्रन तैनात थे।

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