देश में ईंधनवायु का एक ही ग्रीड स्थापित करने का लक्ष्य – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – केरल के कोची से कर्नाटक के मंगळुर के बीच ४५० किलोमीटर की गॅस पाईपलाईन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन किया गया। इस व्हर्चुअल कार्यक्रम में बात करते समय प्रधानमंत्री ने देश की ईंधनविषयक नीति की रूपरेखा प्रस्तुत की। नैसर्गिक ईंधनवायु का इस्तेमाल बढ़ाना, विभिन्न ऊर्जास्त्रोतों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देना, इसके साथ ही देश में ईंधनवायु का एक ही ग्रीड स्थापित करने का लक्ष्य सरकार के सामने है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। इससे जनता और उद्योगक्षेत्र को सस्ते दामों में ईंधन उपलब्ध करा दिये जायेंगे, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

पिछले कुछ सालों में सड़कनिर्माण, रेल, मेट्रो, हवाई और जल परिवहन, डिजिटल क्षेत्र और गैसपाईपलाईन का निर्माण इन मोरचों पर देश ने दमदार प्रगति की है, ऐसा प्रधानमंत्री ने इस समय कहा। केंद्र सरकार की ऊर्जाविषयक नीति सर्वसमावेशक है। देश में गैस पाईपलाईन का नेटवर्क पिछले पाँच से छ: सालों में दुगुने से बढ़ाकर ३२ हज़ार किलोमीटर पर ले जाया गया है। सन २०१४ में देश में ९०० सीएनजी स्टेशन्स थे। पिछले छ: सालों में उनकी संख्या १५०० तक पहुँची है। नज़दीकी समय में देश में सीएनजी स्टेशन्स की संख्या १० हज़ार पर ले जाने का लक्ष्य सरकार के सामने है।

सन २०१४ में देश के २५ लाख घरों में रसोई के गैस की पाईपलाईन जोड़ी थी। अब यह संख्या ७२ लाख तक पहुँच गयी है। इससे जनता को सस्ता और प्रदूषण न करनेवाला विकल्प मिला है, यह बताकर प्रधानमंत्री ने उसपर सन्तोष ज़ाहिर किया। साथ ही, नज़दीकी समय में पेट्रोल में इथेनॉल का २० प्रतिशत इतने प्रमाण में मिश्रण किया जायेगा। देश जो ईंधन की आयात करता है, वह इससे कम होगी। उसीके साथ प्रदूषण की मात्रा भी घटेगी। फिलहाल देश में सीएनजी के इस्तेमाल का प्रमाण ६.२ प्रतिशत इतना है} आनेवाले समय में यह १५ प्रतिशत तक ले जाने की सरकार की योजना है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

देश में ईंधनवायु का एक ही ग्रीड बनाकर, आम जनता के साथ ही उद्योगक्षेत्र को भी ऊर्जा का सस्ता और पर्यावरणपूरक विकल्प उपलब्ध करा दिया जायेगा, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है। कोची-मंगळुरू के बीच की ४५० किमी की गैस पाईपलाईन का बड़ा लाभ इस क्षेत्र की जनता को मिलनेवाला है। इससे नये सीएनजी स्टेशन्स का निर्माण होगा, उद्यमियों का खर्चा कम होगा, किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

यह गैस पाईपलाईन जब पूरी क्षमता के साथ काम करेगी, तब देश का ईंधन की आयात पर होनेवाला खर्च भी कम होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि २१ वीं सदी में जो देश ऊर्जा के मोरचे पर कनेक्शन्स और स्वच्छ ऊर्जा के विकल्प पर ज़ोर देगा, वह अग्रसर होगा, इसपर भी प्रधानमंत्री ने ग़ौर फ़रमाया।

इस बात को मद्देनज़र रखकर केंद्र सरकार ने, ऊर्जा के स्वच्छ तथा पर्यावरपूरक विकल्पों के लिए तेज़ी से कदम उठाये हैं। गुजरात में पवन तथा सौर ऊर्जा का निर्माण करनेवालीं बड़ीं हायब्रिड परियोजनाएँ बन रहीं हैं, ऐसी जानकारी प्रधानमंत्री ने इस समय दी।

जागतिक स्तर पर फ़ैल रही अस्थिरता को मद्देनज़र करते हुए, ईंधन के दाम किसी भी पल भड़कने की गहरी संभावना है। ऐसी स्थिति में, माँग के लगभग ८० प्रतिशत इतनी मत्रा में ईंधन की आयात करनेवाले भारत जैसे देश अपारंपरिक विकल्पों के बारे में सोचने लगे हैं। हर साल आठ लाख करोड़ रुपयों के ईंधन की आयात करनेवाले भारत को ईंधन के दूसरे विकल्प अपनाना अनिवार्य है, ऐसा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने हाल ही में कहा था।

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