ब्रिटेन और फ्रान्स के बीच शरणार्थियों की अवैध घुसपैंठ रोकने के लिए समझौता – ब्रिटेन फ्रान्स को छह करोड़ युरो से अधिक निधि देगा

britain-france-illegal-migrants-1लंडन/पॅरिस – ब्रिटेन और फ्रान्स के बीच के ‘चॅनल क्रॉसिंग’ इलाके से होनेवाली शरणार्थियों की अवैध घुसपैंठ रोकने के लिए नया द्विपक्षीय समझौता किया गया है। इस समझौते के अनुसार ब्रिटिश सरकार फ्रेंच सुरक्षा यंत्रणाओं को ६.२७ करोड़ युरो अतिरिक्त निधि की आपूर्ति करेगी। फ्रान्स द्वारा होनेवाली अतिरिक्त जवानों की तैनाती, तंत्रज्ञान और शरणार्थियों के शिविर इसके लिए इस निधि की आपूर्ति करने की बात बतायी जाती है। शरणार्थियों की घुसपैठ रोकने के लिए ब्रिटेन और फ्रान्स के बीच हुआ यह दूसरा समझौता है।

ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रिती पटेल और फ्रान्स के अंतर्गत सुरक्षामंत्री गेराल्ड दार्मानिन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। नए समझौते के अनुसार, फ्रान्स अपने सागरी किनारों पर सुरक्षा यंत्रणाओं की तैनाती दोगुनी करनेवाला है। उसी समय, फ्रान्स और ब्रिटेन के बीच की जा रही गश्त की व्याप्ति तथा क्षेत्र बढ़ाया जानेवाला है। फ्रान्स की सागरी सीमा में प्रगत निगरानी यंत्रणा तथा ‘एअर सर्व्हिलन्स’ का इस्तेमाल करने के लिए मान्यता दी गई है। ‘चॅनल क्रॉसिंग’ में तैनात सुरक्षा यंत्रणाओं के लिए अतिरिक्त बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने की बात भी तय की गई है। इन सब पर अमल करने के लिए ब्रिटेन छह करोड़ युरो से अधिक निधि फ्रान्स को देनेवाला है।

britain-france-illegal-migrants-2ब्रिटेन और फ्रान्स के बीच अवैध शरणार्थियों के मुद्दे पर हुआ यह दूसरा समझौता है। पिछले साल हुए समझौते में दोनों देशों ने ‘ऑपरेशनल रिसर्च युनिट’ की स्थापना करने का फैसला किया था। यह यंत्रणा अवैध शरणार्थी तथा मानवीय तस्करी करनेवाली गुनाहगारी टोलियों की जानकारी हासिल करने के लिए बनाईं गईं थीं। उसकी सहायता से लगभग हज़ारों अवैध शरणार्थियों को रोकने में तथा गुनाहगारी टोलियों को नेस्तनाबूद करने में सफलता मिली, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है। लेकिन फिर भी अवैध शरणार्थियों की घुसपैंठ की समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई है।

ब्रिटेन में पिछले साल ८ हज़ार से अधिक शरणार्थियों ने घुसपैंठ की थी। इस साल भी पहले छह महीनो में छह हज़ार से भी अधिक शरणार्थियों ने ब्रिटेन में घुसपैठ करने की कोशिश करने की बात सामने आई है। अगर ऐसे ही चलता रहा, तो आनेवाले दो महीनों में पिछले साल की संख्या पार हो जाएगी, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के अधिकारी तथा विश्लेषकों ने दी है। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटिश सरकार ने शरणार्थियों के विरोध में आक्रमक मुहिम हाथ में ली होकर, नया समझौता उसी का अहम चरण माना जाता है।

उससे पहले मार्च महीने में, गृहमंत्री प्रीति पटेल ने बेटन की नीति घोषित करते समय, अवैध और गैरकानूनी मार्गो से ब्रिटेन में प्रवेश करनेवाले किसी को भी स्थान नहीं मिलेगा, ऐसी स्पष्ट चेतावनी दी थी। उसके बाद ब्रिटेन ने, सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत बनाना और अन्य उपायों के जरिए अवैध घुसपैठियों के विरोध में आक्रामक मुहिम चलाई है। पिछले ही महीने में ब्रिटिश गृहमंत्री ने, अवैध घुसपैंठ करनेवाले शरणार्थियों को और गुनाहगारी टोलियों को पब्लिसिटी देनेवाले पोस्ट फौरन हटाएँ, ऐसी कड़ी चेतावनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दी थी। उसके बाद ब्रिटेन की संसद में ‘नॅशनॅलिटी ऍण्ड बॉर्डर्स बिल’ नामक विधेयक भी प्रस्तुत किया गया है। इस विधेयक में, घुसपैठ करने वाले शरणार्थी और गुनाहगारी टोलियों के खिलाफ आक्रामक प्रावधान किए गए हैं।

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