पांच हजार किलोमीटर पर लक्ष्य भेद्नेवाला ‘अग्नि-५’ मिसाइल का सफल परीक्षण

बालासोर / उड़ीसा: ध्वनी से २४ गुने गति से ५००० किलोमीटर अंतर पर लक्ष्य अचूक भेदनेवाले परमाणु वाहक ‘अग्नि-५’ इस अंतर्गत के बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ है। संपूर्ण चीन एवं यूरोप तक का भाग इस मिसाइल के घेरे में होकर, और कई परीक्षण के बाद यह मिसाइल ‘स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड’ में दाखिल होगा। इसकी वजह से भारतीय प्रति हमले की क्षमता अधिक बढ़ेगी ऐसा दावा किया जा रहा है।

गुरुवार को सुबह ९ बजकर ५४ मिनट मे ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप पर ‘इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज’ पर ‘अग्नि-५’ का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के सभी प्रमाण पर ‘अग्नि-५’ सफल रहा है, ऐसी जानकारी रक्षा दल के सूत्रों से मिली है। गुरुवार को हुई परीक्षा में ‘अग्नि-५’ के पहले ‘यूजर असोसिएटेड’ परीक्षण था, ऐसा अधिकारी ने कहा है।

अग्नि-५, सफल परिक्षण, ५००० किलोमीटर अंतर, बैलेस्टिक मिसाइल, लक्ष्य अचूक, बालासोर, उड़ीसा, अमरिका, रशिया

इससे पहले सन २०१६ के दिसंबर महीने में ‘अग्नि-५’ का परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण अंतरखण्डीय मिसाइल के आखिर में ‘डेवलपमेंट परीक्षण’ था। उसके बाद ‘यूजर असोसिएटेड’ परिक्षण शुरू हुए है और कई परीक्षण के बाद यह मिसाइल ‘स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड’ में दाखिल होगा। इसके वजह से भारत के रक्ष क्षमता में बड़ी तादाद में बढ़त होने वाली है।

‘अग्नि-५’ की गति २४ मैक (ध्वनि के २४ गुने) होकर ५० टन वजन किया मिसाइल केवल १९ मिनट में ५००० किलोमीटर का अंतर पार कर सकते हैं। डेढ़ टन तक परमाणु शस्त्र ले जाने के लिए अंतर खंडीय मिसाइल पर ‘रिंग लेजर ग्यारो बेसड इंडियन नेविगेशन सिस्टम’ (आरआयएनएस) और अत्याधुनिक ‘माइक्रो नेव्हिगेशन सिस्टम’ (एमआयएनएस) बिठाया गया है और इसकी वजह से ही लक्ष्य अचूकता से भेद सकता है।

‘इंटिग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट’ कार्यक्रम के अंतर्गत भारत में ‘अग्नि’ बैलिस्टिक मिसाइल का निर्माण किया था और अभी अग्नि-१ से अग्नि-५ तक इस मिसाइल की मारक क्षमता बढ़ाई गई है। फिलहाल भारत के रक्षा दल के बेड़े में ७०० किलोमीटर तक मारक क्षमता होने वाले ‘अग्नि-१’, ‘अग्नि-२’ (२०००, किलोमीटर), ‘अग्नि-३’ (३००० किलोमीटर), ‘अग्नि- ४’ (३५०० किलोमीटर) मिसाइल है।

‘अग्नि-५’ या अंतरखण्डीय मिसाइल बेड़े में दाखिल होने के बाद भारत की रक्षा सज्जता अधिक बढ़ेगी। ५००० किलोमीटर तक हमला कर सकने वाले मिसाइल इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आयसीबीएम्) के तौर पर पहचान जाएगे। फिलहाल अमरिका, रशिया, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के बाद भारतीय तंत्रज्ञान विकसित किया है। तज्ञो के दावे के अनुसार भारत कह रहा है कि उससे ‘अग्नि-५’ की मारक क्षमता अधिक है। ‘अग्नि-५’ यह मिसाइल ८००० किलोमीटर का स्तर पार कर सकता है ऐसा दावा चीन ने पहले किया था एवं भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम पर टीका की थी। भारत के मिसाइल कार्यक्रम चीन को लक्ष्य करनेवाला है ऐसा चीनी तज्ञो का कहना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.