अफ़गानिस्तान में तालिबान ने प्राप्त की हुई बढ़त की पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की तीव्र आलोचना

वॉशिंग्टन/काबुल – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अफ़गानिस्तान से तेज़ गति से वापसी करने पर अमरीका में तीखी आलोचना हो रही है। तालिबान एक के बाद एक शहर पर कब्ज़ा कर रही है और इस पृष्ठभूमि पर आलोचना की तीव्रता अधिक बढ़ रही है।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेनपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के कार्यकाल में अफ़गानिस्तान की ज़िम्मेदारी संभालनेवाले वरिष्ठ अधिकारी डेविड सिडनी ने बायडेन के निर्णय के बाद अन्य कोई भी देश अमरीका पर भरोसा नहीं करेगा, यह आरोप लगाया है। तभी अफ़गानिस्तान में नियुक्त अमरीका के राजदूत रायन क्रॉकर ने यह आलोचना की है कि, बायडेन ने अफ़गानिस्तान तालिबान को ‘हैण्डओवर’ किया है।

अमरीका ने बीते वर्ष तालिबान के साथ समझौता करके अफ़गानिस्तान से अपनी सेना हटाने का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रम्प के बाद राष्ट्राध्यक्ष बने ज्यो बायडेन ने भी सेना वापसी का निर्णय कायम रखा। लेकिन, महीने के बजाय सितंबर महीने तक सेना की वापसी पूरी होगी, यह ऐलान उन्होंने किया।

अमरीका और नाटो देशों की वापसी के बाद तालिबान फिर से पूरे अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करेगा, यह ड़र जताया जा रहा था। लेकिन, वापसी की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही तालिबान ने लगभग ८० प्रतिशत से अधिक अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा किया है, यह बात कही जा रही है। शनिवार के दिन तालिबान राजधानी काबुल से मात्र कुछ मील ही दूर होने के दावे किए जा रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका द्वारा तालिबान को रोके जाने की उम्मीद है और ऐसे में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन छुट्टियाँ मनाने के लिए ‘कैम्प डेविड’ पहुँचने की बात सामने आ रही है। तालिबान अफ़गानिस्तान पर पूरा कब्ज़ा करने की संभावना होने की स्थिति में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के इन छुट्टीयों पर कई लोगों ने नाराज़गी जताई है।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेनओबामा के कार्यकाल में रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रहे डेविड सिडनी ने अफ़गानिस्तान से सेना हटाने की नीति की आलोचना की है। ‘अमरीका की इस तरह की वापसी ने मित्रदेशों को संदेश दिया है। अमरीका पर भरोसा ना करें, यही संदेश मित्रदेशों को प्राप्त हुआ होगा, ऐसा सिडनी ने कहा।

अफ़गानिस्तान में अमरीका के राजदूत रहे रायन क्रॉकर ने तो अमरीका की यह वापसी यानी अफ़गानिस्तान तालिबान को ‘हैण्डओवर’ करने की प्रक्रिया थी, इन शब्दों में अपनी नाराज़गी व्यक्त की।

‘अफ़गानिस्तान को हमने बेसहारा छोड़ दिया, यह भावना अफ़गान सरकारी की हुई है और यही सच है। हमने उनके शत्रु से समझौता किया है’, ऐसी तीखी आलोचना राजदूत क्रॉकर ने की।

अमरीका में नियुक्त अफ़गानिस्तान के राजदूत अदेल राज़ ने भी बायडेन प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी व्यक्त की। शेष विश्‍व की शांति और सुरक्षा के लिए अफ़गानिस्तान को तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है, ऐसी आलोचना राज़ ने की।

वॉशिंग्टन पोस्ट के पत्रकार एवं लेखक क्रेग व्हिटलॉक ने अफ़गान मुद्दे पर पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा को लक्ष्य किया है। व्हिटलॉक ने लिखी किताब ‘द अफ़गानिस्तान पेपर्सः ए सिक्रेट हिस्ट्री ऑफ वॉर’ इस महीने के अन्त में प्रकाशित हो रही है। इसमें उन्होंने वर्ष २०१४ में अफ़गानिस्तान के संघर्ष पर पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा का बयान झूठा था, यह टिप्पणी की।

ओबामा ने उस समय अफ़गानिस्तान के संघर्ष का अन्त हो रहा है, ऐसा कहा था। लेकिन, उनका यह बयान यानी अमरिकी जनता को दिया हुआ बड़ा धोखा था, यह दावा व्हिटलॉक ने किया। इस बयान के बाद लगभग सात वर्ष अफ़गानिस्तान में युद्ध जारी रहा और इसमें अमरिकन्स मारे गए, इन शब्दों में उन्होंने ओबामा से कड़े सवाल किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.