‘डेल्टा प्लस वेरियंट’ से पहली मौत होने के बाद महाराष्ट्र में ‘अनलॉक’ के नियमों में बदलाव

मुंबई – कोरोना के ‘डेल्टा प्लस वेरियंट’ से संक्रमित की पहली मौत महाराष्ट्र में हुई है। इससे संबंधित रपट सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने ‘अनलॉक’ के नियमों में बदलाव किए हैं। इससे पहले तय हुए नियमों के अनुसार संक्रमितों की संख्या और ऑक्सिजन बेडस्‌ की उपलब्धता पर जिलों का पांच स्तरों पर विभाजन किया गया था। इसके अनुसार पहले दो स्तरों में शामिल जिलों में प्रतिबंधों में बड़ी राहत दी गई। लेकिन, अब पहला और दूसरा स्तर हटाया गया है और अब सभी जिलों एवं महानगर पालिका क्षेत्रों में तीसरे स्तर के ही प्रतिबंध जारी रहेंगे।

रत्नागिरी जिले के संगमेश्‍वर तहसिल में कुछ दिन पहले ८० वर्ष की कोरोना संक्रमित महिला की मृत्यू हुई थी। इस महिला के ‘स्वैब’ के नमूने जिनोम सिक्वेन्स की जाँच के लिए भेजे गए थे। इसकी रपट सामने आयी है और यह महिला कोरोना के ‘डेल्टा प्लस वेरियंट’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई है। इस वजह से कोरोना के इस वेरियंट से महाराष्ट्र में पहली मौत दर्ज़ हुई है। दो दिन पहले मध्य प्रदेश में भी ‘डेल्टा प्लस वेरियंट’ से संक्रमित एक की मौत हुई थी। संगमेश्‍वर में मृत हुई इस ‘डेल्टा प्लस वेरियंट’ से संक्रमित महिला अन्य बिमारियों से भी पीड़ित होने की बात कही जा रही है। लेकिन, इस वजह से यकीनन चिंता बढ़ी है।

देशभर से कुल ४५ हज़ार नमूने ‘जिनोम सिक्वेन्स’ की जाँच करने के लिए भेजे गए थे। इनमें से अब तक ११ राज्यों से प्राप्त हुए ४८ लोग ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई है। इनमें से सबसे अधिक संक्रमित महाराष्ट्र में पाए गए है। महाराष्ट्र में भी रत्नागिरी जिले के संगमेश्‍वर तहसिल में ही अधिकांश ‘डेल्टा प्लस’ के संक्रमित पाए गए हैं। ‘डेल्टा प्लस’ का संक्रमण कितनी गति से फैल रहा है, इसकी पूरी जानकारी अभी भी नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने ‘डेल्टा प्लस’ के संक्रमित सामने आये हुए राज्यों को सावधानी का इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा निर्णय किया है। इसके अनुसार राज्य ने ‘अनलॉक’ के निमयों में बदलाव किए हैं।

पंधरह दिन पहले जारी किए गए नियमों के अनुसार राज्य के जिलों में प्रतिबंधों से राहत देने के लिए वहां के संक्रमण का रेट और ऑक्सिजन बेडस्‌ की उपलब्धता को ध्यान में रखा जा रहा था। इसी के आधार पर पांच स्तर तय किए गए हैं। पॉज़िटिव रेट ५ प्रतिशत से कम और २५ प्रतिशत ऑक्सिजन के बेडस्‌ पर संक्रमित वाले जिलों को पहले स्तर पर रखा गया था। पहले स्तर के जिलों में पूरी तरह से ‘अनलॉक’ यानी सभी प्रतिबंध हटाने का निर्णय किया गया था। इसके अनुसार इन जिलों में वहां के जिला प्रशासन ने प्रतिबंध हटाए थे। दूसरे स्तर में ५ प्रतिशत पॉज़िटिव रेट और २५ से ४० प्रतिशत ऑक्सिजन बेडस्‌ भरे हुए जिलों का समावेश किया गया था। इन जिलों में धारा १४४ के तहत भीड़ पाबंदी लगाकर प्रतिबंधों में बड़ी राहत दी गई थी।

लेकिन, अब यह दोनों स्तर हटाए गए हैं। पॉज़िटिव रेट और ऑक्सिजन की उपलब्धता कितनी भी कम हो, फिर भी राज्य के सभी जिलों एवं महानगरपालिकाओं का समावेश तीसरे स्तर पर ही रखने का निर्णय किया गया है। तीसरे स्तर के जिलों में कुछ हद तक सहुलियत है। चौथे और पांचवे स्तर के जिलों में संक्रमण का रेट अधिक और ऑक्सिजन बेडस्‌ की उपलब्धता कम होने से वहां पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।

तीसरे स्तर के अनुसार मेडिकल के अलावा अन्य अत्यावश्‍यक सामान के सभी दुकान शाम ४ बजे तक ही खुले रहेंगे। अन्य दुकान शनिवार-रविवार के अलावा शाम ४ बजे तक ही खुले रहेंगे। रेस्टॉरंटस्‌, जिम, सलोन भी शाम ४ बजे तक ५० प्रतिशत क्षमता के साथ खुले रखने की अनुमति रहेगी।

इसी बीच, आरटीपीसीआर परीक्षण की मात्रा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए भी जिला प्रशासनों को कहा गया है। साथ ही कन्टेन्मेंट ज़ोन तैयार करने के साथ टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पद्धति अपनाने की सूचना भी दी गई है।

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