‘एफएटीएफ’ के दबाव के बाद पाकिस्तान से आतंकीयों पर कारवाई के संकेत

इस्लामाबाद : ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’(एफएटीएफ) के वॉच लिस्ट में पाकिस्तान के शामिल होने की जानकारी सामने आने के बाद इस देश में खलबली फैली है। जून महीने में पाकिस्तान का समावेश इस सूची में किया जाएगा, ऐसा ‘एफएटीएफ’ ने घोषित किया था। इसका दाखिला देकर पाकिस्तान के अंतर्गत रक्षामंत्री ने अपने देश आगे चलकर आतंकवादियों पर कारवाई करेगा, ऐसे संकेत दिए हैं। पर यह कारवाई अमरिका को खुश करने के लिए नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के हित के लिए की जाएगी, ऐसा खुलासा अंतर्गत रक्षा मंत्री ने किया है।

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आतंकवादियों को आर्थिक मदद करनेवाले पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ के सूची में डालने की तैयारी हुई है और उसकी घोषणा भी की गई है। तांत्रिक वजहों के कारण जून महीने में यह कार्रवाई की जाएगी। इस बात पाकिस्तान में खलबली फैली है और पहले ही गिरावट मे होनेवाली पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था की अब खैर नहीं, ऐसी चिंता इस देश के विश्लेषक व्यक्त करने लगे हैं। अब तक हफिज सईद जैसे आतंकवादी नेता का समर्थन करने वाले विश्लेषक एवं माध्यम ‘एफएटीएफ’ के इस कारवाई की वजह से सहमे हुए हैं। पाकिस्तान के सरकार ने अगर योग्य समय पर ध्यान दिया होता, तो यह समय नहीं आता ऐसा आरोप भी शुरू हुआ है।

इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के अंतर्गत रक्षामंत्री अहसान इकबाल ने लाहौर में पत्रकारों से संवाद करते हुए, सरकार की भूमिका के बारे में जानकारी दी है। आगे चलकर पाकिस्तान अपने हित के लिए कदम उठाने वाला है, ऐसा इक़बाल ने स्पष्ट किया है। पर यह कारवाई अमरिका को खुश करने के लिए नही होगी, ऐसा खुलासा भी इकबाल ने किया है। पर इस कारवाई की अधिक जानकारी अहसान इकबाल ने नहीं दी है। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सरकारने हफिज सईद इन पर कारवाई की तैयारी की थी पर मैं ऐसा करने पर पाकिस्तान में अराजकता फैलेगी और कट्टरपंथियों रास्ते पर उतर कर सरकार का विरोध करेंगे, ऐसी चिंता कई लोगों से व्यक्त की जा रही थी।

इस दबाव में आकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने सईद पर कारवाई को स्थगित दी थी। पर अब ‘एफएटीएफ’ ने उठाए कदम की वजह से पाकिस्तान में आतंकवादियों के विरोध में जनमत तैयार हुआ है और अब हफिज सईद जैसे खतरनाक आतंकवादी नेता को जेल में भर्ती क्यों नहीं किया जा रहा, ऐसा सवाल देश के माध्यम एवं विश्लेषक कर रहे हैं।

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