चीन की घुसपैंठ के बाद भारत ने लद्दाख में तैनाती बढ़ायी – हिमाचल में सेना का दिनरात पहरा

नई दिल्ली – सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में घुसपैंठ करके भारत को चुनौती देनेवाले चीन को रोकने की पूरी तैयारी भारत ने की है। इस सीमाक्षेत्र में भारत ने अपनी सेनातैनाती बढ़ायी होकर, हिमाचल प्रदेश स्थित लाहौल स्पिती के सीमाभाग में ‘इंडो तिबेटियन बॉर्डर पोलिस’ अर्थात् आयटीबीपी तथा सेना के जवान भी गश्त कर रहे हैं। इसके द्वारा भारत से चीन को कड़ी चेतावनी दी जा रही है।

कोरोनावायरसविरोधी जंग में सारी दुनिया उलझी हुई है और इन हालातों का फ़ायदा उठाकर चीन ने अपनी वर्चस्ववादी हरकतें बढ़ायीं हैं। पिछले दो हफ़्तों में भारत के सीमाक्षेत्र में चीन के जो हरकतें चालू हैं, वे यही संकेत दे रहीं हैं। सिक्कीम तथा लद्दाख की घटनाओं ने भारतीय सेना को अधिक सचेत किया है। क्योंकि सिक्कीम के ‘नाकु ला पास’ में चिनी लष्कर ने भारतीय सीमा में घुसपैंठ करने की कोशिश की। वहीं, लद्दाख के डेमचॉक और गलवान नदी के पास चीन के लष्कर की गतिविधियाँ बढ़ीं थीं। लद्दाख में चीन के लष्कर के यह हरकत सन १९६२ के युद्ध की याद दिला रही है। क्योंकि उस युद्ध की सुरुआत में भी चिनी लष्कर ने गलवान नदी के पास ही तंबू गाड़े थे।

इस पृष्ठभूमि पर, सचेत हुई भारतीय सेना ने लद्दाख में अपनी सुसज्जितता बढ़ायी होकर, सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होनेवाले लद्दाख की सीमा की सुरक्षा के लिए सेना ने जादा तैनाती की है। पहले के दौर में चिनी सैनिकों ने लद्दाख में एकाद-दो दिन तंबू गाड़कर देखा था। लेकिन अब चिनी सैनिकों की घुसपैंठ और उनके वास्तव्य की कालावधि बढ़ने की वजह से भारतीय सेना को उसे नज़रअन्दाज़ करना मुमक़िन नहीं है। इसी कारण यहाँ पर अतिरिक्त तैनाती आवश्यक बन चुकी है।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पिती सीमाभाग में लष्कर तथा आयटीबीपी की गश्ती बढ़ायी है। सन १९६२ के युद्ध में लाहौल स्पिती सीमाभाग तुलनात्मक दृष्टि से शांत था। लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में चीन के हेलिकॉप्टर्स के बढ़े हुए चक्कर भारतीय सेना ने बहुत ही गंभीरता से लिये हैं। घुसपैंठ कर रहे चीन के हेलिकॉप्टर की भनक लगते ही भारत के लड़ाक़ू विमान ने यहाँ से उड़ान भरी थी, यह बात भारतीय रक्षादलों की सतर्कता साबित करने के लिए पर्याप्त है।

हिमाचल प्रदेश में भारत के जिस सीमाभाग के पास चीन ने हेलिकॉप्टर भेजा था, वहाँ से १०० किलोमीटर की दूरी पर चीन का बड़ा हवाईअड्डा है। ‘सिंगास्ते’ नाम से जाना जानेवाला चीन का यह हवाईअड्डा भारत की हवाई सुरक्षा को चुनौती देनेवाला माना जाता है। इसी कारण इस क्षेत्र से भारत में होनेवाली चिनी हेलिकॉप्टर की घुसपैंठ की ओर भारतीय सेना बहुत ही गंभीरता से देख रही है।

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