ब्रिटेन के बाद जर्मनी का युद्धपोत भी करेगा ‘साउथ चायना सी’ में गश्‍ती

britain-south-china-sea-patrolवॉशिंग्टन – ‘साउथ चायना सी’ में गश्‍ती करने के लिए अपने युद्धपोत को रवाना करने का ऐलान जर्मनी ने किया है। अगले अगस्त महीने में जर्मन युद्धपोत इस समुद्र क्षेत्र की दिशा में रवाना होगा। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के नियमों पर आधारित समुद्री हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए जर्मनी ने किए इस निर्णय का अमरीका ने स्वागत किया है। वहीं, इस युद्धपोत की गश्‍ती के कारण इस क्षेत्र के देशों की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण नहीं होगा, इसका ध्यान जर्मनी रखें, यह चेतावनी चीन ने दी है।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ रही आक्रामकता को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध हो रहा है। अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने इस क्षेत्र के आग्नेय एशियाई देशों के हितसंबंध रेखांकित करके चीन की आक्रामकता का विरोध किया है। अन्तर्राष्ट्रीय समुद्री परिवहन के नियमों का चीन सम्मान करें, ऐसा आवाहन इन देशों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन, यहाँ के ‘ईस्ट और साउथ चायना सी’ पर अपना ही अधिकार होने का दावा चीन कर रहा है।

britain-south-china-sea-patrolचीन की इस बढ़ती आक्रामकता को चुनौती देने के लिए नाटो सदस्य देशों ने भी इस समुद्री क्षेत्र में अपने युद्धपोत उतारना शुरू किया है। कुछ महीने पहले फ्रान्स ने अपना विमान वाहक युद्धपोत ‘चार्ल्स द गॉल्स’ इस क्षेत्र की दिशा में रवाना किया था। इसके अलावा ब्रिटेन का ‘एचएमएस क्विन एलिज़ाबेथ’ नामक विमान वाहक युद्धपोत अब मई महीने में ‘साउथ चायना सी’ में दाखिल हो रहा है। ब्रिटेन के इस युद्धपोत की तैनाती का विरोध करके चीन ने पहले ही धमकाया था।

इसी मे अब अगस्त महीने में जर्मन युद्धपोत भी इस समुद्री क्षेत्र से यात्रा करेगा। वर्ष २००२ के बाद पहली बार जर्मन युद्धपोत ‘साउथ चायना सी’ में गश्‍ती लगाने के लिए दाखिल होने वाला है। महज साल भर में ‘साऊथ चायना सी’ में अपना युद्धपोत उतारनेवाला जर्मनी नाटो का तीसरां सदस्य देश बना है। जर्मनी के इस ऐलान का अमरीका ने स्वागत किया है।

britain-south-china-sea-patrol‘इस समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के पीछे अमरीका का राष्ट्रीय हित शामिल है। अन्तर्राष्ट्रीय समुद्री नियमों के लिए सम्मान, वहाँ के व्यापारी परिवहन की सुरक्षा, इन बातों के प्रति अमरीका कटिबद्ध है। इस वजह से, इन नियमों पर आधारित समुद्री हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए जर्मनी ने अपना युद्धपोत रवाना करके बड़ा निर्णय किया है’, ऐसा अमरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है।

लेकिन, ‘साउथ चायना सी’ में नाटो सदस्य देशों के युद्धपोतों की गश्‍ती बढ़ने से चीन काफी बेचैन हुआ है। जर्मन युद्धपोत की इस गश्‍ती के कारण इस समुद्री क्षेत्र में चीन के हितसंबंधों के लिए खतरा निर्माण नहीं होगा, इस बात का जर्मनी ध्यान रखें, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन ने दिया हैं।

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