अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष भारत यात्रा पर

नई दिल्ली, दि. १४ (पीटीआय)- ‘भारत और अफगानिस्तान में आतंक मचानेवाले आतंकवादियों को कोई भी आश्रय ना दें’ ऐसे तीव्र शब्दों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने पाकिस्तान को खड़े बोल सुनाये हैं| बुधवार को राजधानी नई दिल्ली में दाखिल हुए अफगानी राष्ट्राध्यक्ष ने, भारत के साथ ‘गुनाहगार हस्तांतरण समझौते’ समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं| भारत ने अफगानिस्तान के विकास और क्षमतावृद्धि के लिए क़रीबन एक अरब डॉलर्स का प्रस्ताव सामने रखा है|

अफगानिस्तानकुछ ही दिन पहले, राष्ट्राध्यक्ष गनी ने अफगानिस्तान की भारत के साथ होनेवाली व्यापारी यातायात रोकनेवाले पाकिस्तान को चेतावनी दी थी| दोनों देशों के बीच का व्यापार यदि पाकिस्तान ने रोका, तो अफगानिस्तान पाकिस्तान का व्यापारी मार्ग रोकेगा, ऐसी धमकी अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी| इसके बाद हालाँकि पाकिस्तान ने कुछ दिन नर्म रवैया अपनाया था, मग़र फिर भी अफ़गानिस्तान भेजे जानेवाले भारतीय उत्पादों के लिए अपना मार्ग इस्तेमाल नहीं करने देंगे, ऐसी घोषणा पाक़िस्तान ने की थी| पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच का तनाव बढ़ रहा है और उसी दौरान अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी भारत की यात्रा पर आये हैं| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करते हुए राष्ट्राध्यक्ष गनी ने विस्तृत मुद्दों पर चर्चा की|

इसके बाद दोनो नेताओं ने संयुक्त पत्रकार परिषद को संबोधित किया| भारत और अफगानिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ एकसमान भूमिका है, ऐसा सुस्पष्ट संदेश इस समय दोनो नेताओं ने दिया| ‘किसी भी प्रकार के आतंकवादियों को मिलनेवाला सहयोग जल्द ही रुक जाना चाहिए| भारत और अफगानिस्तान में घातपात मचानेवाले आतंकवादियों को कोई भी आश्रयस्थान उपलब्ध ना करायें’, ऐसी माँग प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने की| नाम न लेते हुए भी, दोनों नेताओं के संयुक्त निवेदन में पाकिस्तान को निशाना बनाया है, यह दिखाई देता है| इससे पाकिस्तान की चिंता और भी बढ़ गयी है|

भारत और अफगानिस्तान के बीच तीन समझौते संपन्न हुए हैं| इससे दोनो देशों का सहयोग ज़्यादा बढ़ेगा| इन समझौतों में, ‘गुनाहगार हस्तांतरण’ और ‘अंतराल संशोधन क्षेत्र’ में सहयोग के समझौतें शामिल हैं| इसके साथ ही, नागरी और व्यापारी क्षेत्र में सहयोग का समझौता भी दोनो देशों में संपन्न हुआ| अफगानिस्तान की क्षमता बढ़ाने के लिए, भारत ने अफगानिस्तान को एक अरब डॉलर्स का प्रस्ताव दिया है। इससे पहले भारत ने अफ़गानिस्तान में क़रीबन दो अरब डॉलर्स का निवेश किया है| इसके साथ ही, अफगानी जनता ख़रीद सकें ऐसे माफक दरों में दवाओं की आपूर्ति तथा सौरऊर्जाक्षेत्र में सहयोग, ये प्रस्ताव भारत ने दिए हैं|

सबसे अहम बात यानी भारत, अफगानिस्तान और ईरान में त्रिपक्षीय परिषद का आयोजन करते हुए, दक्षिण एशिया का भूभाग परिवहन द्वारा जोड़ने के लिए प्रयास करने पर प्रधानमंत्री मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी ने सहमति दर्शायी है| ईरान के छाबर बंदरगाह के विकास के लिए निवेश कर, यह बंदरगाह अफगानिस्तान के मार्ग से भारत को जोडने का समझौता इससे पहले ही संपन्न हुआ था| आगे चलकर इस मोरचे पर सहयोग और भी व्यापक करने की तैयारी भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने की है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं|

भारत और अफगानिस्तान के बीच विकसित हो रहा यह सहयोग यानी अपने लिए चुनौती है, यह पाकिस्तान का मानना है| अफगानी राष्ट्राध्यक्ष के पाकिस्तानविरोधी बयानों के पीछे भारत है, यह आरोप पाकिस्तान से किया जाता है| राष्ट्राध्यक्ष गनी की भारत यात्रा का असली मक़्सद, ‘भारत से अधिक हाथियार प्राप्त करना’ यही है, ऐसा दावा किया जाता है| अफगानी सरकार को भारत हाथियार उपलब्ध ना करा दें, ऐसी चेतावनी तालिबान ने दी थी| लेकिन अफ़गानियों की स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए भारत को अफगानिस्तान के साथ और सहयोग करना चाहिए, ऐसी माँग अमरीका और अन्य ज़िम्मेदार देशों द्वारा की जा रही है| इस माँग को भारत सकारात्मक प्रतिसाद दे रहा है, यही दिखायी दे रहा है|

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