तालिबान के साथ चर्चा के मुद्दे पर अफगानी राजदूत का भारत को सावधानी का इशारा

नई दिल्ली – अमेरिका की सेना वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई है कामा ऐसे में अफगानिस्तान में तालिबान की सेना आगे बढ़ रही है। इससे जल्द ही अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत होगी कामा ऐसी गहरी संभावना जताई जाती है। ऐसी स्थिति में भारत ने तालिबान के साथ चर्चा शुरू की होकर, वैसे संकेत विदेश मंत्रालय ने दिए है। कतार ने भी भारत और तालिबान के बीच उसने चर्चा करवाई होने की जानकारी सार्वजनिक की और तालिबान के कुछ नेताओं ने उसकी पुष्टि की। लेकिन भारत में नियुक्त अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुन्दजई भारत को सावधानी का इशारा दिया। भारत में खून खराबा मचानेवाले आतंकवादी संगठनों की तालिबान सहायता कर रहा है, इस पर अफगानी राजदूत ने गौर फरमाया। 

अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत को बहुत बड़ा स्थान है। मुश्किल दौर में भारत ने अफगानी जनता की बहुत बड़ी सहायता की थी, ऐसा राजदूत ममुन्दजई ने कहा है। लेकिन इन दिनों क्या भारत तालिबान के साथ चर्चा कर रहा है, इसके बारे में हमें जानकारी नहीं है, यह बताकर ममुन्दजई ने इस बारे में ठेंठ प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया। माध्यमों के साथ बात करते समय राजदूत ममुन्दजई ने यह स्पष्ट किया कि अपना देश तालिबान को आतंकवादी के तौर पर ही देखता है। उसी समय, भारत की सुरक्षा को भी तालिबान से खतरा संभव है, इस पर भी ममुन्दजई ने ध्यान आकर्षित किया।

चाहे मुंबई पर हुआ २६/११ का आतंकवादी हमला हों, सन २००१ में भारतीय संसद पर हुआ आतंकवादी हमला हो अथवा सन २०१६ का पठानकोट में हुआ हमला या सन २०१९ में पुलवामा में हुआ घातपात; इन सारे मामलों में उलझे आतंकवादी संगठनों को तालिबान से सहायता मिल रही है, ऐसा ममुन्दजई ने कहा। इसी कारण ऐसे आतंकवादी कारनामों को समर्थन देनेवाले तालिबान को भारत समेत सभी देश उचित संदेश दें। तालिबान आतंकवादी संगठनों के साथ होनेवाले संबंध तोड़ देने की माँग करें, ऐसी उम्मीद राजदूत ममुन्दजई ने ज़ाहिर की।

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