अफ़गान सुरक्षा बलों ने अल कायदा का नेता अल मसरी को ढ़ेर किया

काबुल – भारतीय उपमहद्विप में अल कायदा का दूसरे क्रमांक का नेता अबु मोहसिन अल मसरी को अफ़गानिस्तान की स्पेशल फोर्स ने ढ़ेर किया। अमरीका ने मोस्ट वॉन्टेड घोषित किया हुआ अबु मोहसिन अल कायदा का प्रमुख डॉ.आयमन अल जवाहिरी का करीबी साथी था। अफ़गानिस्तान में अब तालिबान और सुरक्षा बलों के बीच जोरदार संघर्ष हो रहा है और इसी बीच अबु मोहसिन मारा गया है। इस दौरान काबुल में एक शिक्षा संस्था को लक्ष्य करने के लिए किए गए आत्मघाती हमले के मृतकों की संख्या बढ़कर ३० हुई है। मरनेवालों में अधिकांश छात्र हैं।

al-masari-al-qaeedaशनिवार के दिन अफ़गानिस्तान के गज़नी प्रांत में स्पेशल फोर्स ने अल कायदा के वरिष्ठ नेता अबु मोहसिन अल मसरी को ढ़ेर किया। अबु मोहसिन इजिप्ट का नागरिक था। भारतीय उपमहाद्विप में अल कायदा के गुट का नेतृत्व अल मसरी संभाल रहा था और वह इस संगठन का क्रमांक का दो का नेता था। वह अब्द अल रौफ के नाम से भी पहचाना जाता था, यह जानकारी अफ़गानिस्तान ने साझा की है। गज़नी प्रांत में हुई कार्रवाई के दौरान अबु मोहसिन मारा गया था और इस वजह से अफ़गानिस्तान और यहां की जनता के विरोध में कार्रवाई करनेवाली आतंकी संगठन के एवं तालिबान के संबंध रेखांकित होते हैं, यह बयान अफ़गानिस्तान के अंतर्गत सुरक्षामंत्री मसूद अंद्राबी ने किया हैं।

अमरिकी नागरिकों की हत्या के लिए अबु मोहसिन को ज़िम्मेदार ठहराकर वर्ष २०१८ में अमरीका ने उसके विरोध में अरेस्ट वॉरेंट जारी किया था। अमरीका के लिए वह मोस्ट वाँटेड़ आतंकी था। वह अल कायदा के प्रमुख अल जवाहिरी का करीबी थी। अमरीका पर हुए ९/११ के हमले की उसे पहले से जानकारी थी, यह भी कहा जाता है। इस मुहिम की जानकारी अफ़गान यंत्रणा ने गुप्त रखी है। अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इसके लिए अफ़गानिस्तान के सुरक्षा बल का अभिनंदन किया है।

al-masari-al-qaeedaइसी बीच शनिवार के दिन काबुल में शिक्षा संस्था को लक्ष्य करने के लिए किए गए आत्मघाती हमले के मृतकों की संख्या बढ़कर ३० हुई है। आयएस ने इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकारी है। शुरू में इस हमले के लिए तालिबान ज़िम्मेदार होने की आशंका व्यक्त की गई थी। क्योंकि, इससे पहले अफ़गानिस्तान में हुए हमले में तालिबान का ही हाथ था। कतार के दोहा में अफ़गानिस्तान और तालिबान में शांतिवार्ता शुरू होने के बाद और अमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेना पीछे हटाने के संकेत देने के बाद अफ़गानिस्तान में आतंकी हमलों की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है।

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