अफ़गान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ३३ तालिबानी ढ़ेर

काबुल – बीते २४ घंटों में अफ़गान सुरक्षा बलों ने की कार्रवाई में ३३ तालिबानी आतंकी मारे जाने का वृत्त है। अफ़गान सुरक्षा बलों ने इस कार्रवाई के दौरान तालिबान के हथियारों का बड़ा भंड़ार भी बरामद किया है। शनिवार के दिन अफ़गानिस्तान के ३४ में से २८ प्रांतों में तालिबान ने हमले किए थे। इसके बाद अफ़गान सुरक्षाबलों ने जोरदार कार्रवाई शुरू की थी। कुंदुज़ प्रांत में बुधवार रात से ही तलिबान और सुरक्षाबलों के बीच जोरदार संघर्ष हो रहा था। साथ ही फरियाब, हेल्मंड़, उरुज़गान प्रांत में भी तलिबान और सुरक्षाबलों की जोरदार मुठभेड़ हो रही थी। इसी दौरान यह सभी तालिबानी आतंकी मारे गए हैं और कई तालिबानी आतंकी घायल हुए हैं।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई

शनिवार रात के समय अफ़गानिस्तान के फरियाब प्रांत में कैसर ज़िले में अफ़गान सुरक्षा बल और तालिबान में हुई मुठभेड़ में ८ तालिबानी आतंकी मारे गए और १४ घायल हुए। इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों ने ‘आयईडी विस्फोटक’ बरामद करके उसे नाकाम किया। साथ ही शनिवार की रात हेल्मंड़ प्रांत में किए गए हवाई हमलों में दस तालिबानी मारे जाने की जानकारी अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने साझा की है।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई

 

इसके अलावा अफ़गानिस्तान के लश्‍करगाह शहर के राजमार्ग पर तालिबान ने लगाए ११ ‘आयईडी’ सुरक्षा बलों ने नाकाम किए। इस घटना के कुछ ही घंटे बाद रविवार की सुबह उरूज़गान प्रांत में तालिबान ने अफ़गान सुरक्षा बलों की चौकी को लक्ष्य किया था। इसके बाद अफ़गान सुरक्षा बल के प्रत्युत्तर के दौरान १२ तालिबानी मारे गए। बल्ख प्रांत में भी तालिबान ने किए हमले के बाद अफ़गान सुरक्षा बल और तालिबान के बीच इसी तरह से संघर्ष हुआ और इस दौरान ३ तालिबानी ढ़ेर हुए।

बीते ५० दिनों में अफ़गानिस्तान में तालिबान ने किए हमलों में २६१ स्थानीय लोग मारे गए हैं। तथा, सुरक्षाबलों की कारवाई में मारे गए या घायल हुए तालिबानी आतंकियों की संख्या करीबन २,००० होने का दावा किया जा रहा है।

इसी बीच अफ़गानिस्तान में बढ़ रही हिंसा पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी चिंता जताई थी। इसके बावजूद अमरीका ने अफ़गानिस्तान से अपनी सेना हटाने की गतिविधियां शुरू की हैं। अफ़गानिस्तान से पूरी सेना हटाने के लिए अमरीका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने विरोध किया था। ऐसे में अफ़गानिस्तान में बढ़ी हुई हिंसा अमरीका को यहां से सेना हटाने के निर्णय पर दुबारा विचार करने के लिए मज़बूर कर सकती है।

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