‘एरो इंडिया २०१७’ की शुरुवात

बंगळुरू, दि. १४ : बंगलुरू में येलहंका स्थित वायुसेना के बेस पर ‘एरो इंडिया २०१७’ की शुरुवात हुई| वायुसेना के हेलिकॉप्टर और लड़ाकू विमानों के शानदार प्रदर्शन से शुरुवात हुए इस प्रदर्शन में, ३० से अधिक देश शामिल हुए हैं| साथ ही, रक्षासाहित्य का निर्माण करनेवालीं दुनियाभर की ५४९ कंपनियाँ इस प्रदर्शनी में शामिल हुई हैं| भारत की बढ़ती रक्षाविषयक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, ये कंपनियाँ भारत के साथ मिलकर निर्माण के समझौते के लिए उत्सुकता दिखा रही हैं| उसी समय ‘तेजस’ और ‘लाईट युटिलिटी हेलिकॉप्टर्स’ (एलयुएच) का निर्माण करनेवाला भारत भी इस आंतर्राष्ट्रीय बाज़ार पर नजरें जमाए हुए है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

‘एरो इंडिया २०१७’वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ, सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत, नौसेनाप्रमुख सुनील लान्बा इस प्रदर्शनी में शामिल हुए थे| सन १९९६ से शुरू हुई इस हवाई प्रदर्शनी में अब तक चीन शामिल नहीं हुआ था| लेकिन ‘एरो इंडिया २०१७’ में चीन का पथक दाखिल हुआ है| रक्षासाहित्य का निर्माण करनेवालीं दुनियाभर की बड़ी कंपनियाँ और लगभग ७२ विमान इस प्रदर्शनी में शामिल हुए हैं| पाँच दिन चलनेवाले इस ‘एरो इंडिया’ में, भारत के साथ मिलकर संयुक्त निर्माण हेतु समझौता करने के लिए हम उत्सुक हैं, ऐसा दावा कुछ कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है|

पिछले तीन साल की कालावधि में भारत ने, रक्षासामग्री की खरीदारी के संदर्भ में ५१ समझौते किए होकर, उनमें विदेशी कंपनियों से खरीदी जानेवाली सामग्री की राशी एक लाख १६ हजार करोड़ रुपया है| साथ ही, स्वदेशी कंपनियों के साथ भारत ने ९० समझौते किए हैं और यह राशी ८३ हजार ३४४ करोड़ रुपया इतनी बड़ी है| आनेवाले समय में भारत अपनी रक्षाविषयक खरीदारी और निर्माण की गति बढ़ाने की ज़ोरदार कोशिशें कर रहा है, जिसकी प्रक्रिया जारी भी हुई है| इस वजह से ‘एरो इंडिया २०१७’ को दुनियाभर की कंपनियों से अच्छा प्रतिसाद मिलता हुआ दिखाई दे रहा है|

‘एरो इंडिया २०१७’भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर की सप्लाई करने से लेकर, उनके सहनिर्माण की परियोजना के लिए तैयारी दर्शानेवालीं विदेशी कंपनियों में ज़ोरदार प्रतियोगिता शुरू हुई है| तेजस यह स्वदेशी बनावट का लड़ाकू विमान विकसित करनेवाले और ‘एलयुएच’ हेलिकॉप्टर का निर्माण करनेवाले भारत की ओर से भी इस बाजार में रक्षासामग्री बेचने के लिए उतरने की तैयारी की जा रही है| भारत दुनियाभर के तकरिबन ४० देशों को ‘एलयुए’ इस बहुउद्देशी हेलिकॉप्टर की सप्लाई करने के लिए उत्सुकता दर्शा रहा है| ‘हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है|

देश में निर्मित ‘तेजस’ इस लड़ाकू विमान के निर्माणप्रक्रिया तेज़ की जानेवाली है और अगले देढ़-दो साल के बाद यह परियोजना कार्यान्वित होगी| इसके बाद हर वर्ष आठ तेजस विमानों का निर्माण किया जानेवाला है, ऐसी जानकारी रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने दी|

aero-india‘आय ऑन द स्काय’ वायुसेना के काफिले में  

अपने हवाई क्षेत्र में दुश्मनों के दाखिल होने की सूचना देनेवाली ‘आय ऑन द स्काय’ नामक ‘एअर बॉर्न अर्ली वॉर्निंग अँड कंट्रोल’ (एईडब्ल्यूसी) यंत्रणा से लैस पहला विमान ‘एरो इंडिया’ में वायुसेना में दाखिल किया गया| इससे भारतीय हवाई सुरक्षा और भी अधिक मज़बूत होगी| आनेवाले समय में ऐसी यंत्रणा से लैस और कुछ विमान वायुसेना में शामिल किए जायेंगे|

 

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