चीन-रशिया के प्रगत मिसाइल अमरिकी उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं – अमरिकी स्पेस फोर्स के प्रमुख का इशारा

china-russia-advanced-missilesवॉशिंग्टन – ‘ज़मीन, जल और वायू की तरह अब अंतरिक्ष भी युद्धक्षेत्र बन रहा है। इस क्षेत्र में काफी तेज़ी से विकसित हो रही तकनीक और चीन एवं रशिया के मिसाइलों की वजह से अंतरिक्ष में स्थित अमरिकी उपग्रहों के लिए खतरा निर्माण हुआ है’, ऐसा इशारा अमरीका की ‘स्पेस फोर्स’ के प्रमुख जनरल जॉन विल्यम रेमंड ने दिया। अमरिकी लष्करी अफसरों ने एवं विश्‍लेषकों ने इससे पहले भी चीन और रशिया से होनेवाले खतरों को लेकर इशारा दिया था।

अमरिकी सेना की गुप्तचर यंत्रणा ने बीते महीने सुरक्षा विषयक रपट जारी की थी। इसमें अंतरिक्ष में स्थापित अमरिकी उपग्रहों को होनेवाले खतरों को लेकर आगाह किया गया था। ‘चीन के उपग्रह विरोधी मिसाइल्स पृथ्वी की कक्षा में स्थापित उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यह मिसाइल अंतरिक्ष में अमरिकी उपग्रहों के ऑप्टिकल सेंसर्स नाकाम कर सकते हैं। इससे यह उपग्रह बेकार हो सकते हैं’, ऐसा इस रपट में कहा गया था।

china-russia-advanced-missilesइस रपट में दर्ज़ मुद्दों से हम सहमत होने का बयान जनरल रेमंड ने किया है। इसके अलावा अमरीका के ‘कम्युनिकेश सैटेलाईट’ और ‘जीपीएस सैटेलाईट’ को जैम किए जाने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। चीन ने पहले ही प्रक्षेपित किए ‘शिजियान १७’ नामक उपग्रह का ‘रोबोटिक आर्म’ पृथ्वी की कक्षा में भ्रमण कर रहे अन्य छोटे उपग्रहों को पकड़ सकता है, ऐसा इशारा भी जनरल रेमंड ने दिया है।

इसके साथ ही ‘अंतरिक्ष में किसी भी तरह का संघर्ष शुरू करने की या व्यापक करने की अमरीका की इच्छा नहीं है। लेकिन, जो कुछ हो रहा है, इसे रोकने की कोशिश अमरीका करती रहेगी’, ऐसा रेमंड ने कहा।

इसी बीच चीन अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन स्थापित कर रहा है। इस स्पेस स्टेशन का इस्तेमाल चीन लष्करी कार्रवाई के लिए कर सकता है और इससे अंतरिक्ष में स्पर्धा शुरू होगी, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्‍लेषक दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.