उइगरों को बतौर गुलाम कामगार इस्तेमाल कर रही चीनी कंपनियों से ताल्लुकात रखनेवाली ब्रिटीश कंपनी पर कार्रवाई होगी – विदेशमंत्री डॉमिनिक राब का ऐलान

लंडन/बीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने झिंजिआंग के उइगरवंशियों का दमन करने की घटना क्रोधित करनेवाली है और इस पर प्रत्युत्तर देना ब्रिटेन का नैतिक कर्तव्य है, ऐसा कहकर झिंजिआंग की चीनी कंपनियों से संबंध रखनेवाली ब्रिटीश कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने का ऐलान विदेशमंत्री डॉमिनिक राब ने किया है। ब्रिटेन के सत्तापक्ष की ‘ह्युमन राईट्स कमिशन’ ने दो दिन पहले ही चीन में हो रहे मानव अधिकारों के उल्लंघन पर तीखी आलोचना करनेवाली आक्रामक रपट जारी की थी। इसके बाद कार्रवाई का ऐलान करके इसके आगे चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाने के संकेत ब्रिटीश सरकार ने दिए हैं।

चीन ने बीते कुछ वर्षों से झिंजिआंग प्रांत में इस्लामधर्मी उइगरवंशियों पर लगातार उत्पीड़न कर किया जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका व्यापक मात्रा में संज्ञान लिया जा रहा है। वर्ष २०१८ में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने जारी की हुई एक रपट में चीन ने ११ लाख उइगरवंशियों को छल शिविरों में कैद कर रखा है, ऐसा चीन की पोल खोलनेवाला चौकानेवाला दावा किया था। इस रपट के बाद पश्‍चिमी देशों ने उइगरों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है और इसके लिए अमरीका के साथ यूरोपिय देशों ने भी पहल की है।

ब्रिटेन ने अपने ‘मॉडर्न स्लेवरी ऐक्ट’ में सुधार करके इसमें उइगरवंशियों से संबंधित प्रावधानों का समावेश किया है। इससे संबंधित जानकारी साझा करते समय विदेशमंत्री राब ने ब्रिटीश कंपनियों को आखिरी चेतावनी दी है। ब्रिटेन की कंपनियों को उनकी ‘सप्लाई चेन’ में उइगरों से गुलाम कामगार की तरह बर्ताव करनेवाली चीनी कंपनियों का समावेश ना होने का निवेदन जारी करना होगा। साथ ही ऐसी कंपनियों का समावेश होने पर संबंधित कंपनी के विरोध में क्या कदम उठाए हैं, इसकी जानकारी देना भी अनिवार्य रहेगा। इस ज़िम्मेदारी से बचनेवाली ब्रिटीश कंपनियों से बड़ा दंड़ वसुला जाएगा।

झिंजिआंग की चीनी कंपनियों के साथ संबंध ना रखनेवाली ब्रिटीश कंपनियों को ही सरकार आगे से अच्छे कान्ट्रैक्ट प्रदान करेगी। ब्रिटीश कंपनियों से निर्यात हो रहे उत्पादनों का इस्तेमाल उइगरों के लिए बनाए छल शिविरों में होने पर ऐसी निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, यह जानकारी भी विदेशमंत्री राब ने साझा की। ‘झिंजिआंग में बनाए गए उइगरों के छल शिविरों का ब्रिटेन की कंपनीयों से ताल्लुकात ना हो, इसकी पुष्टी करने के लिए कार्रवाई करने का ऐलान किया गया है। ऐसे छल शिविरों में मानव अधिकारों का उल्लंघन करके तैयार किए गए उत्पादन ब्रिटेन के बाज़ारों में दिखाई ना दें, इसका भी ध्यान रखा जाएगा’, यह इशारा भी ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने दिया।

इस दौरान विदेशमंत्री राब ने चीन की हुकूमत ने उइगरवंशियों के उत्पीड़न पर कड़ी आलोचना की है। ‘छल शिविर, मनमानी पद्धति से की गई कैद, राजनीतिक विचारधारा थोपने के लिए हो रहीं कोशिशें, गुलाम कामगार के तौर पर हो रहा इस्तेमाल, अत्याचार और ज़बरन की जा रही नसबंदी जैसे खतरनाक और ड़रावनी गतिविधियां चीन में व्यापक स्तर पर हो रही हैं। जंगली बर्ताव का युग खत्म होने की धारणा की जा रही थी। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का शीर्ष देश इस तरह के जंगली कृत्य कर हा है’, ऐसे तीखें शब्दों में राब ने चीन को फटकारा है। इस दौरान उन्होंने झिंजिआंग में मानव अधिकारों के हो रहे दमन की जाँच के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ को प्रवेश मिलना ही चाहिये, ऐसी माँग भी बड़े आग्रह से आगे रखी है।

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