‘डॉईश बैंक’ के खिलाफ हो रही कार्रवाई अमरिकी ‘आर्थिक जंग’ का हिस्सा : जर्मन नेता का इल्ज़ाम

बर्लिन/वॉशिंग्टन, दि. ३ (वृत्तसंस्था) –  जर्मनी और युरोप के मुख्य बैंक के रूप में जाने जानेवाले ‘डॉईश बैंक’ पर अमरीका द्वारा हो रही कार्रवाई आर्थिक जंग का हिस्सा है, ऐसा सनसनीखेज़ इल्जाम जर्मन नेता ने लगाया है| वहीं, युरोपीय संसद के एक सदस्य ने दावा किया कि अमरीका युरोपीय संघ द्वारा हुई कार्रवाई को ‘जैसा को तैसा’ जवाब देने के लिए, बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है| अमरिकी न्याय विभाग द्वारा, सन २००७-०८ में आये ‘सबप्राईम संकट’ के दौरान हुए गलत व्यवहारों के लिए ‘डॉईश बैंक’ को करीब १४ अरब डॉलर्स का जुर्माना भरने को कहा है| कहा जाता है कि ‘डॉईश बैंक’ के पास जुर्माना भरने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है| इस आशंका के तीव्र परिणाम युरोप समेत आंतर्राष्ट्रीय शेअर बाज़ार में दिखाई दिए हैं|

‘डॉईश बैंक’जर्मन संसद में अर्थविषयक समिति के मुख्य पीटर रॅमसोएर ने अमरीका पर, खुलेआम आर्थिक जंग का इल्ज़ाम लगाया है| ‘अगर अमरिकी अर्थव्यवस्था के लिए फ़ायदेमंद हों, तो कारोबार में जंग खेलने की अमरीका की परंपरा काफी पुरानी है| ‘डॉईश बैंक’ का मसला भी इसी का हिस्सा है| २००८ साल में आर्थिक आपदा के समय, गृह-ॠण के मामले में १४ अरब डॉलर्स का जुर्माना ठोंक देना यह आर्थिक जंग का ही हिस्सा लग रहा है| ज़बरदस्ती करते हुए बड़े जुरमाने का दावा लगाना, यह इसी से जुड़ा हिस्सा है’, ऐसा इल्जाम रॅमसोएर ने लगाया|

युरोपीय संसद के जर्मनी स्थित सदस्य मार्कस फर्बर ने, ‘डॉईश बैंक’ पर हुई कार्रवाई यह महासंघ को ‘जैसे को तैसा’ जवाब देने की साज़िश जा हिस्सा होने की आशंका जतायी| महासंघ द्वारा अगस्त महीने में, अमरीका की ‘ऍपल’ कंपनी को युरोप में हुए गलत व्यवहारों के लिए १३ अरब यूरो का जुर्माना सुनाया गया था| उसके एक महीने बाद अमरिकी न्याय विभाग ने, ‘डॉईश बैंक’ के खिलाफ बडे जुर्माने की माँग की है| कुछ महीने पहले, अमरिकी एजन्सियों ने जर्मनी की ‘फोक्सवॅगन’ कंपनी को, प्रदूषणसंबंधी नियमों का उल्लंघन करने पर १६.५ अरब डॉलर्स का जुर्माना भरने के निर्देश दिये थे|

deuपिछले कई महीनों में ‘डॉईश बैंक’ की आपदाएँ और भी गंभीर रूप धारण करते दिखाई दे रही हैं और बैंक का मूल्य १४ अरब डॉलर्स तक नीचे आ चुका है| अगर बैंक ने, अमरिकी एजन्सी द्वारा सुनाये गये जुर्माने का भुगतान करने का फैसला किया तो उसे बड़ी मात्रा में आर्थिक सहायता की ज़रूरत पड सकती है| लेकिन जर्मनी की चैन्सेलर अँजेला मर्केल द्वारा, ‘डॉईश बैंक’ को ‘बेलआऊट’ देने की बात स्पष्ट रूप से खारिज़ कर दी गयी है| इससे दुनियाभर के निवेशकों में बडी अस्वस्थता पैदा हुई है| बैंक के मुख्य जॉन क्रायन ने, कंपनी को शेअरबाज़ार की अटकलबाजी से झटका लगा होने का दावा करते हुए, विद्यमान स्थिति से निपटने के लिए बैंक सक्षम होने का दावा किया है|

युरोप के पाच अग्रणी बैंको में से एक ‘डॉईश बैंक’ का युरोपीय देशों में काफी बड़ा विस्तार है| जर्मनी युरोप की अर्थव्यवस्था का आधारस्तंभ माना जाता है| इस वजह से, जर्मनी में प्रमुख बैंक रहे ‘डॉईश बैंक’ से पूरे युरोप का बैंकिंग क्षेत्र जुडा हुआ है| युरोप में शेअर बाज़ार तथा बाँड्स में होनेवाले निवेश में से लगभग १० प्रतिशत व्यवहार इस बैंक द्वारा होते हैं, ऐसा कहा जाता है| जर्मनी के साथ ही युरोप के मुख्य देश रहे इटली, स्पेन, पोर्तुगाल जैसे देशों के बैकिंग क्षेत्र में भी ‘डॉईश बैंक’ का बडा हिस्सा है|
इस वक्त इटली और स्पेन का बैंकिंग क्षेत्र संकट में होने की बात कही जा रही है| ऐसी स्थिति में ‘डॉईश बैंक’ यदि गिर गया, तो युरोप पर नयी आर्थिक आपदा आने का डर जताया जा रहा है| यह संकट ग्रीस के संकट से भी बड़ा होने का डर है| जर्मनी और उसके बैंकिंग क्षेत्र पर रहनेवाले इतने भरोसे के चलते, ‘डॉईश बैंक’ का असफल होना यह ‘युरो’ मुद्रा के लिए भी ख़तरा साबित हो सकता है, ऐसी चेतावनी दी जा रही है| अमरीका स्थित विशेषज्ञों द्वारा, ‘डॉईश बैंक’ का संकट यह युरोपीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए ‘लेहमन बैंक मसले’ की तरह साबित होगा, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है|

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