कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर युरोपीय देशों में लगभग ६० लाख लोग बेरोजगार – अर्थव्यवस्था में ६.२ प्रतिशत गिरावट

ब्रुसेल्स – युरोपीय देशों में कोरोना की तीव्रता फिर से बढ़ रही है, ऐसे में आर्थिक स्तर पर भी युरोप को बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। पिछले साल कोरोना की महामारी में ठप पड़े आर्थिक व्यवहारों के कारण, लगभग ६० लाख लोगों को बेरोजगारी का झटका लगा होने की जानकारी युरोपीय अभ्यासगुट ने दी है। फ्रान्स, पोलंड, इटली और ग्रीस इन देशों को सर्वाधिक झटका लगा होने की बात ‘युरोफाऊंड’ इस गुट ने अपनी रिपोर्ट में कही है। उससे पहले युरोपिय महासंघ ने घोषित की जानकारी में भी, युरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में सन २०२० में ६.२ प्रतिशत गिरावट होने पर गौर फरमाया गया।

युरोपिय महासंघ में कोरोना मरीजों की संख्या २ करोड़, ३२ लाख के पार हो चुकी होकर, ५ लाख, ६२ हज़ार लोगों की मृत्यु हुई बताई जाती है। महासंघ के तीन चौथाई सदस्य देशों में मरीजों की संख्या फिर से बढ़ती दिखाई दे रही होकर, उसमें पूर्व और मध्य युरोप के देशों का समावेश है। युरोप में फिलहाल कोरोना महामारी की तीसरी लहर शुरू है, ऐसा बताया जाता है। इस लहर के कारण, कई देशों में फिर से लॉकडाउन समेत कठोर प्रतिबंधों पर अमल शुरू हुआ है।

इस पृष्ठभूमि पर, युरोपीय अर्थव्यवस्था को फिर एक बार बड़े झटके लगने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले हफ्ते भर में अर्थव्यवस्था में हुई गिरावट और बेरोजगारी के संदर्भ में घोषित किए आँकड़े, यह इसकी शुरुआत हो सकती है, ऐसा बताया जाता है। युरोपिय महासंघ के अधिकारियों द्वारा कीं जानेवालीं विभिन्न घोषणाएँ और बयान भी इसकी पुष्टि करनेवाले साबित हो रहे हैं। युरोपियन कमीशन ने हाल ही में ३७ अरब युरो की विशेष अर्थसहायता की घोषणा की होकर, इस माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र और छोटे एवं बड़े उद्योगों को सहायता करने का आश्वासन दिया है।

यह घोषणा करते समय युरोपिय महासंघ की वरिष्ठ अधिकारी माग्रेथ वेस्टागर ने इस बात की कबुली दी कि कोरोना के कारण, युरोपीय जनता का जीवन और रोज़गार के अवसर ये दोनों बातें दाँव पर लगीं हैं। उसी समय, कोरोना का मुकाबला करने के लिए कीं गईं उपाययोजनाओं का बड़ा झटका उद्योगक्षेत्र को लगा होकर, युरोपियन कंपनियाँ अभी तक उससे बाहर निकल नहीं सकीं हैं, इन शब्दों में वेस्टागर ने, हालात अभी भी साधारण ना होने की बात बतायी। युरोप की अग्रसर वाहन निर्माण कंपनी ने हाल ही में घोषित किया था कि कोरोना की पृष्ठभूमि पर उसे लगभग ९.७ अरब डॉलर्स का नुकसान हुआ है। वहीं, युरोझोन की कंपनियों पर होनेवाला कर्ज़े का बोझ लगभग ४०० अरब युरो से बढ़ाा होने की जानकारी भी सामने आई है। यह बात वेस्टागर के बयान की पुष्टि करनेवाली साबित होती है।

‘आयएनजी’ इस वृत्तसंस्था की प्रमुख अर्थ विशेषज्ञ मार्सेल क्लॉक ने यह जताया है कि युरोप की अर्थव्यवस्था इस समय अंधकारमय स्थिति में है। फिर एक बार कई देशों में लगे लॉकडाउन के कारण, सन २०२१ की पहली तिमाही में भी युरोपिय अर्थव्यवस्था धीमी पड़नेवाली है; सिर्फ़ यह बदलाव कितने प्रतिशत का होगा, इतना ही सवाल है, ऐसी चेतावनी क्लॉक ने दी। ‘कॅपिटल इकॉनॉमिक्स’ की अर्थ विशेषज्ञ जेसिका हिंड्स ने, युरोप में टीकाकरण की रफ़्तार, अर्थव्यवस्था के लिए निर्णायक साबित होने के संकेत दिये हैं। फिलहाल टीकाकरण धीमी गति से शुरू होने के कारण, अर्थव्यवस्था पहले जैसी होने के लिए समय लगेगा, ऐसा हिंड्स ने कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.