रक्षादल के पास अचानक सामने आए चुनौतियों का सामना करने की क्षमता – वायुसेना प्रमुख धनोआ की गवाही

नई दिल्ली: अचानक निर्माण होने वाले किसी भी चुनौती को स्वीकारते हुए उसका सामना करने की क्षमता देश के रक्षादल के पास है ऐसी गवाही वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने दी है। हालही में संपन्न हुए गगनशक्ति इस भव्य युद्धाभ्यास में इस क्षमता का प्रदर्शन हुआ है, ऐसा वायुसेना प्रमुख ने कहा है। साथ ही देश के सुरक्षा को मिल रहे पारंपारिक चुनौतियों के साथ अन्य खतरों का सामना करने के लिए रक्षादल सिद्ध होने का विश्वास वायुसेना प्रमुख धनोआ ने व्यक्त किया है।

रक्षादल, अचानक सामने, चुनौतियों, सामना, क्षमता, वायुसेना प्रमुख, धनोआ, गवाही, नई दिल्ली, युद्धाभ्यासहैदराबाद में हुए वायुसेना के ११३वे कैडेट पासिंग आउट परेड के कार्यक्रम में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने देश के रक्षादल के क्षमता पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है। फिलहाल अपना देश जिस पारंपारिक स्तर को युद्ध कहता है ऐसे बातों का सामना नहीं करता, फिर भी आतंकवादी हमले एवं साइबर सुरक्षा को होनेवाले खतरे ध्यान में रखते हुए इस बारे में अधिक सतर्कता दिखाने की आवश्यकता है। रक्षादल के अग्रणी पर सतर्कता होकर किसी भी अचानक आए हुए चुनौतियों का सामना करने की क्षमता देश के रक्षादल के पास है, ऐसा दावा वायुसेना प्रमुख ने किया है।

हालही में संपन्न हुए गगनशक्ति इस भव्य युद्धाभ्यास में भारतीय वायु सेना के पास होने वाली क्षमता का प्रदर्शन हुआ है, इसकी तरफ वायुसेना प्रमुख ने ध्यान केंद्रित किया है। उस समय नॉदर्न, ईस्टर्नऔर वेस्टर्न इन तीनों अग्रणियों पर भारतीय वायुसेना की सिद्धता एवं क्षमता इन दोनों के परीक्षण किए गए हैं। सभी अग्रणियों पर वायुसेना किसी भी चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम होने की बात इससे सिद्ध हो रही है, ऐसा वायुसेना प्रमुख धनोआ ने कहा है।

वायुसेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया अब गतिमान रुप से कार्यान्वित होती है, उस समय वायुसेना प्रमुख ने यह कहा है। दौरान पिछले कई महीनों से भारतीय रक्षादल के प्रमुख देश के सुरक्षा को पाकिस्तान से मिल रहे चुनौतियों के साथ चीन से होनेवाले खतरो का भी स्पष्ट उल्लेख हो रहा था। तथा एकही समय पर चीन पाकिस्तान का सामना करने की क्षमता देश के रक्षादल के पास होने की गवाही भी रक्षा दल प्रमुख ने दी है।

रक्षादल ने आजतक चीन के बारे में इतने आक्रामक विधान नहीं किए थे। पर डोकलाम के विवाद के बाद चीन ने भारत को उजागर तौर पर धमकाकर ६२वर्ष के पराजय की याद दिलाई थी। उसके बाद भारत के रक्षादल प्रमुख ने चीन को उसी भाषा में चेतावनी मिलने लगने की बात स्पष्ट हुई थी।

भारत के पूर्व सीमा पर वायुसेना की तैयारी चीन से जबरदस्त होने की बात कहकर चीन भारत का सामना कर नहीं कर सकता, ऐसा वायुसेना ने सूचित किया था। लष्कर प्रमुख ने भी इस बारे में चीन को चेतावनी देनेवाले विधान किए थे।पर कुछ समय बाद चीन से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। पर थोड़े समय के बाद चीन ने नरमाई दिखाते हुए भारत को चेतावनी देने की बात टाली थी। फिर भी भारतीय रक्षादल से देश के रक्षा सिद्धता के बारे में समय-समय पर विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

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