बीस दिनों में ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन्स्’ में ८० मज़दूरों की मृत्यु

नई दिल्ली – लॉकडाऊन के दौर में मज़दूरों के लिए चलाई जानेवालीं ‘स्पेशल श्रमिक ट्रेन्स’ में ८० मज़दूरों की मृत्यु हुई होने की जानकारी रेल्वे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दी है। देश के विभिन्न भागों में फ़ँसे मज़दूरों की समस्याओं को मद्देनज़र रखते हुए रेल्वे प्रशासन ने १ मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन्स शुरू कीं। २७ मई तक रेल्वे प्रशासन ने ३८४० ट्रेन चलायीं होकर ५२ लाख से अधिक मज़दूर अपने अपने घर पहुँच गये हैं। लेकिन इस प्रवास के दौरान कुछ मज़दूरों की मृत्यु हुई होने की ख़बर ‘आरपीएफ’ ने साझा की जानकारी से सामने आ रही है।

Shramik-Train       कुछ दिन पहले चौं मज़दूरों की रेल्वे प्रवास के दौरान मृत्यु हुई होने की ख़बर प्रकाशित हुई थी। आरपीएफ ने इसपर स्पष्टीकरण दिया है। ये मज़दूर पहले से ही बीमार थे और इनमें से कुछ लोग ईलाज़ के लिए शहर में आये थे। लेकिन लॉकडाऊन घोषित होने के बाद वे शहर में ही फ़ँस गये। इस कारण, श्रमिक स्पेशल ट्रेन चालू होने के बाद ये मज़दूर घर जाने निकले। इन मज़दूरों की मृत्यु थकान, गर्मी आदि कारणों से हुई है, ऐसा आरपीएफ द्वारा बताया गया है। आरपीएफ ने मज़दूरों की मृत्यु पर पहली बार ही स्पष्टीकरण दिया है। साथ ही, आरपीएफ के अफ़सर ने, ९ मई से २७ मई तक कुल ८० मज़दूरों की प्रवास के दौरान मृत्यु हुई होने की जानकाजी दी। लेकिन इसका विवरण ज़ाहिर नहीं किया है। लेकिन जल्द ही राज्यों के साथ संपर्क करके यह सूचि प्रकाशित की जायेगी, ऐसा इस अफ़सर ने कहा है।

       रेल्वे प्रवास में कोई यात्री यदि बीमार हों, तो ट्रेन तुरन्त रोकी जाती है और पास के अस्पताल में उस यात्री को भर्ती किया जाता है। क्योंकि हर एक यात्री की जान हमारे लिए अनमूल है, ऐसा रेल्वे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने कहा। ९ मई से २७ मई के दौरान ऐसे कई यात्रियों का ईलाज़ किया गया है। उसी प्रकार, कुछ गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी सुरक्षित रूप से हुई है। लॉकडाऊन के समय में मज़दूरों पर बीतनेवाली कठिनाइयों का हमें अन्दाज़ा है, ऐसा भी यादव ने कहा है। इसी बीच, श्रमिक स्पेशल ट्रेन में कुछ मज़दूरों की भूखमरी से मृत्यु हुई होने के आरोप हो रहे हैं। उसकी जाँच शुरू है, ऐसा यादव ने कहा है।

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