८० प्रतिशत मरीज़ों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते – स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – लगभग ८० प्रतिशत कोरोना के मरीज़ों में कोरोना के संक्रमण के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं, ऐसी जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की है। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है और ऐसे में मरीज़ों में लक्षण दिखाई ना देने से चिंता जताई जा रही है।

कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। कोविड-१९ के लक्षण ना दिखने से संबंधित पूछे गए सवाल पर जवाब देते समय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च संस्था (आयसीएमआर) ने, कोरोना से संक्रमित ८० प्रतिशत मरीज़ों में किसी भी तरह के थोड़े भी लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। दुनियाभर में किये गए विश्‍लेषण से यह बात स्पष्ट हुई है।

इस महामारी से संक्रमित मरीज़ों को बुखार, जुक़ाम, खाँसी या साँस की तकलीफ होती है। लेकिन कई मरीज़ों को इनमें से एक भी तकलीफ ना होने की जानकारी भी सामने आयी है। ये लक्षण ना होने के बावजूद इन मरीज़ों की कोरोना जाँच पॉझिटिव्ह देखी गई है। ऐसें लोग कोरोना के संक्रमण का माध्यम बन सकते हैं। इस वजह से, नागरिकों ने अपने घर में भी सोशल डिस्टंसिंग का पालन करना ज़रूरी है। इसके साथ ही, घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाकर ही बाहर निकलें, यह सलाह स्वास्थ्य मंत्रालय दे रहा है।

पॉझिटिव्ह रिपोर्ट प्राप्त हुए १०० में से ८० मरीज़ों में कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई नही दिए हैं और यह चिंता की बात है। इस वजह से, कोरोना का संक्रमण हुए लोगों की खोज करके उनपर इलाज करने में कठिनाई होती है। ऐसे में संदिग्ध मरीज़ नजर में नहीं आते। इस कारण, कोरोना का मरीज़ देखा जाने के बाद उसके संपर्क में रहें लोगों की और उसके इलाके के सभी लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। साथ ही, विदेश यात्रा करके लौटे या करोना से संक्रमित मरीज़ों के संपर्क में आनेवाले संदिग्ध लोगों की भी जाँच की जा रही है। साथ ही, जिन मरीज़ों में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, ऐसे सभी लोगों की भी जाँच होती है। इस तरह से जाँच नहीं की, तो भारत की स्थिति काफी मुश्‍किलों से भरी होगी, यह बात ‘आयसीएमआर’ के महामारी और संक्रमित रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रमण गंगाखेडकर ने कही। अस्पताल में दाखिल किए गए गंभीर मरीज़ों की पाँच दिन में एक बार जाँच की जा रही है, यह भी उन्होंने कहा।

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