उड़ान योजना के तहत ७८ नए हवाई मार्ग मंजूर

Udaan-Yojanaनई दिल्ली – गुरूवार के दिन केंद्र सरकार ने उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत ७८ नए हवाई मागों को मंजूरी दी है। इसके तहत ईशान्य के राज्य, पहाड़ी क्षेत्र और द्विपों का समावेश है। लॉकडाउन की वजह से बंद हुई हवाई सेवा धीरे धीरे शुरू हो रही है तभी केंद्र सरकार ने इन नए मार्गों पर हवाई सेवा शुरू करके जनता को बड़ी राहत दी है। वर्ष २०१६ में केंद्र सरकार ने उड़ान योजना की शुरूआत की थी।

छोटे और मध्यम के शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए सरकार ने ‘उड़े देश का आम नागरिक’ यानी (उड़ान) योजना शुरू की थी। इसके तहत फ्लाईट के ५०% सीटस्‌ का भाड़ा अधिकतम अंतर के अनुसार सरकार तय करती है। उड़ान के तहत देश के सभी हवाई अड्डे और हेलिपैड़ जोड़े जाएंगे। इस योजना के तहत प्रति वर्ष २६.५ लाख सीट्स उपलब्ध की जाएंगी और इस यात्रा का टिकट प्रतिघंटा २,५०० रुपए दर से किलोमीटर के मुताबिक तय किया जाता है।

Udaan-Yojanaउड़ान योजना के पहले तीन चरणों में ६८८ में से २७४ मार्गों पर हवाई सेवा शुरू की गई है। गुरूवार के दिन उड़ान के चौथे चरण में ७८ नए हवाई मार्गों को मंजूरी दी गई। इनमें से २९ सर्व्ड, ८ अनसर्व्ड और २ अंडरसर्व्ड हवाई अड्डों का चयन किया गया है। इस योजना के पहले चरण में ५६, दूसरे चरण में ११८ और तीसरे चरण में १०० हवाई मार्गों पर उड़ाने शुरू की गई है। ऐसे में अब नए ७८ मार्गों पर १८ छोटे शहरों के हवाई अड्डे दिल्ली, कोलकाता और रांची जैसे बडे शहरों से जोड़े जा रहे हैं। इन मार्गों की वजह से नए इलाकों में पर्यटन को गति प्राप्त होगी और अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्राप्त होगी, यह विश्‍वास नागर विमाननमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने व्यक्त किया है।

इन नए मंजूर मा्र्गों से देश के सरहदी और पहाड़ी इलाकों से संपर्क बढ़ाने की कोशिश की गई है। इससे प्रमुखता से ईशान्य भारत, पहाड़ी क्षेत्र और द्विपों पर रहनेवाले नागरिकों को बड़ा लाभ होगा। इस माध्यम से उन्हें फ्लाईट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

Udaan-Yojanaउड़ान के चौथे चरण में गुवाहाटी से तेजू, रूसी, तेजपुर, पसिघाट, मिसा और शिलाँग के साथ ही दिल्ली-बरेली, बिलासपुर-भोपाल, कानपुर-मुरादाबाद, अलिगड़-चित्रकूट, चित्रकूट-प्रयागराज, श्रावस्ती-कानपुर के बीच उड़ान के मार्ग शुरू किए गए हैं। इसके अलावा चंडिगड़ से हिसार, देहरादून और धर्मशाला के मार्गों को मंजूरी प्राप्त हुई है। साथ ही लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों को भी इस योजना के माध्यम से जोड़ा गया है। वर्ष २०१६ में इस योजना की शुरूआत करने के बाद अब तक ७६६ नए मार्गों पर विमान सेवा शुरू की गई है।

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