काबुल मैं बम विस्फोट में ६३ लोगों की जान गई

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान ने किए बम विस्फोट में ६३ लोगों की जान गई है और १५१ लोग जख्मी हुए हैं। इस विस्फोट की तीव्रता देखते हुए मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हफ्ते भर में काबुल में हुआ यह दूसरा आतंकवादी हमला है। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी है। पहले हुए हमले के पीछे तालिबान का हक्कानी नेटवर्क होने की बात सामने आई थी। इसकी वजह से तालिबान एवं तालिबान की हक्कानी नेटवर्क आश्रय देने वाले पाकिस्तान को बड़े संकट का सामना करना होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

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शनिवार दोपहर को काबुल में एक एंबुलेंस में भीषण विस्फोट हुआ। यूरोपीय महासंघ के कार्यालय के साथ अन्य सरकारी इमारत और दूतावास इस भाग में होकर, विस्फोट की वजह से आसपास की कई इमारतों का नुकसान हुआ है। इस बम विस्फोट में मारे जाने वाले लोगों की संख्या ६३ पर गई है और यह संख्या बढ़ सकती है, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है। एंबुलेंस की जांच की न होने से यह आत्मघाती आतंकवादी द्वारा एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया। फिर भी एक जांच चौकी पर इस एंबुलेंस को रोका गया था। उस समय एक बीमार को जमुरियत अस्पताल ले जाने की जानकारी दी गई थी। एंबुलेंस में स्थित बीमार यह आत्मघाती हमलावर होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

तालिबान ने इस हमले की संपूर्ण जिम्मेदारी स्वीकारी है। समूची दुनिया भर से इस हमले की निर्भत्सना की जा रही है। भारत ने भी इस हमले में बलि जानेवाले लोगों के बारे में संवेदना व्यक्त कर के इस क्रूर हमले का निषेध किया है। इससे पहले २० जनवरी के रोज काबुल में एक पंचतारांकित होटल पर आतंकवादी हमला किया था। जिसमें ४० लोगों की जान गई थी। जिसमें १४ विदेशी लोगों का समावेश है। यह हमला तालिबान के गट होने वाले हक्कानी नेटवर्क द्वारा करने का आरोप अफगानिस्तान की यंत्रणा ने किया था। उसके बाद अमरिका ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था।

इस हमले के बाद अमरिका ने पाकिस्तान में ड्रोन हमले करके हक्कानी नेटवर्क के एक कमांडर के साथ तीन आतंकवादियों को ढेर किया था। इसकी वजह से शनिवार को हुए हमले पर अफगानिस्तान एवं अमरिका से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। पाकिस्तानी अफगानिस्तान अस्वस्थ करने वाले आतंकवादियों पर कार्रवाई करें, अथवा यह कार्रवाई अमरिका करेगा, ऐसा अमरिका से लगातार कहा जा रहा है।

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