तुर्की के हमले में इराक में ६० लोगों की मौत – इराक ने तुर्की के राजदूत को समन्स थमाया

turkey-iraq-attacksइस्तंबूल/बगदाद – तुर्की के लष्कर ने इराक में घुसकर उत्तरी भाग में किए हमलों में ६० लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें ५३ कुर्द आतंकवादियों का समावेश होने का दावा तुर्की के रक्षा मंत्री हुलूसी अकार ने किया। कुर्दों पर नियंत्रण रखने के लिए सीरिया की तरह इराक में लष्करी अड्डों पर कब्ज़ा करने की घोषणा तुर्की ने की है। इस कारण खौले हुए इराक ने तुर्की के राजदूत को समन्स थमाया है।

दस दिन पहले तुर्की ने इराक के कुर्दिस्तान इस उत्तरी भाग में ‘पेन्स-सिमसेक’ यानी ‘ऑपरेशन क्लॉ फायटिंग’ और ‘पेन्स-यिल्दिरीम’ यानी ‘ऑपरेशन क्लॉ थंडरबोल्ट’ ऐसी दो लष्करी मुहिमें छिड़ी हैं। तुर्की ने ‘आतंकवादी संगठन’ के रूप में घोषित किए ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी-पीकेके’ के आतंकी इस इलाके में अड्डा जमा कर बैठे होने का आरोप एर्दोगन सरकार ने किया था। अपने देश की सुरक्षा के लिए चुनौती साबित होने लगे ‘पीकेके’ के आतंकवादी इराक के कुर्दिस्तान प्रांत में छिपे होने का दावा करके तुर्की ने इस इलाके में हमले शुरू किए थे।

turkey-iraq-attacksपिछले दस दिनों की मुहिम में पीकेके के ५३ आतंकी मारे गए होकर, इनमें एक वरिष्ठ कमांडर का समावेश होने का दावा तुर्की के रक्षा मंत्री अकार ने किया। इसके अलावा इस संघर्ष में तुर्की के साथ जवान भी मारे जाने की जानकारी सामने आ रही है। साथ ही, इसके आगे भी पीकेके और उनके समर्थकों पर कार्रवाई जारी रहनेवाली है, ऐसी घोषणा तुर्की के रक्षा मंत्री ने की।

पीकेके के आतंकवादियों पर की कार्रवाई में १६ हथियार और गोलाबारूद का बड़ा भंडार बरामद किया। साथ ही, सोवियत ज़माने की दो ‘डीएसएचके’ हेवी मशिन गन्स, कॅलेशनिकोव्ह रायफल्स बरामद कीं गईं हैं। यह हथियारों का भंडार अमरीका और रशियन बनावट का होने का दोषारोपण तुर्की के रक्षा मंत्री ने किया। ‘दुर्भाग्यवश तुर्की के कुछ मित्र देश ही इन आतंकियों को क्षेपणास्त्र तथा अन्य हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं। इस कारण यह आतंकी तुर्की की सुरक्षा के लिए अधिक खतरनाक साबित होते हैं’, ऐसा बताकर रक्षा मंत्री अकार ने अमरीका और रशिया को नाम न लेते हुए लक्ष्य किया।

तुर्की के अंतर्गत रक्षा मंत्री सुलेमान सोयलू ने सत्ताधारी पार्टी की बैठक में, इराक में स्थित लष्करी अड्डे पर कब्ज़ा करने की बात की। ‘कुर्द आतंकवादियों के प्रमुख स्थानों तक अगर पहुँचना है, तो इराक में कार्रवाई जारी रखनी पड़ेगी और उसके लिए सिरिया की तरह इराक में भी तुर्की का लष्करी अड्डा होना आवश्यक है’, ऐसा सोयलू ने कहा है। इस संदर्भ में इराक के कुर्दिस्तान प्रांत में स्थित मेटीना अड्डे का जिक्र सोयलू ने किया।

turkey-iraq-attacksतुर्की के लष्कर ने इराक में घुसकर की कार्रवाई और इराक के लष्करी अड्डे पर कब्ज़ा करने के संकेत देने के कारण, तुर्की के विरोध में इराक में गुस्सा ज़ाहिर किया जा रहा है। इराक की सरकार ने इस मामले में तुर्की के राजदूत को समन्स थमाया है । साथ ही, कुर्दिस्तान में तुर्की ने किए हमले इराक की सार्वभौमिकता का उल्लंघन करनेवाले होने की आलोचना इराक के विदेश मंत्रालय ने की। तुर्की के लष्कर ने इराक में शुरू किए इन हमलों की गूंजें ईरान की संसद में भी सुनाईं दीं।

बता दे, पिछले सात दशकों से पश्चिमी देशों ने इराक, ईरान, सिरिया और तुर्की इन देशों में बिखेरे हुए कुर्दों को स्वतंत्र कुर्दिस्तान बसा देने के सपने दिखाए थे। लेकिन स्वतंत्र कुर्दिस्तान के मसले को अंजाम तक ले जाने के लिए पश्चिमी देशों ने कोशिश नहीं की है। इस कारण कुछ कुर्द संगठनों ने सशस्त्र लड़ाई शुरू की। इराक में स्वायत्त कुर्दिस्तान का निर्माण हुआ है। लेकिन ईरान, सिरिया और तुर्की में स्थित कुर्द समुदाय अपने अधिकारों के लिए अभी भी लड़ रहे हैं।

तुर्की ने पीकेके इस कुर्द संगठन को और सिरिया तथा इराक में स्थित पीकेके से जुड़े संगठनों को आतंकवादी घोषित किया है। उसी के साथ, तुर्की ने सिरिया और इराक में स्थित कुर्दों के खिलाफ लष्करी मुहिम भी छिड़ी है। तुर्की की इस कार्रवाई की इराक, सिरिया समेत अमरीका और रशिया से भी आलोचना की जा रही है।

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