देश में बीते दो दिनों से कोरोना के नए मामलों में हुई ५० प्रतिशत वृद्धि

नई दिल्ली – देश में दिवाली के बाद कोरोना के नए मामले सामने आने की मात्रा में ५० प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है। बुधवार की तुलना में गुरूवार के दोपहर तक के चौबीस घंटों में देश में ४५,५७६ कोरोना के नए मामले दर्ज़ हुए। इसके साथ ही कोरोना के मृतकों की संख्या में भी २४ प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है। बीते कुछ दिनों से देश में सामने आ रहे कोरोना संक्रमितों के आँकड़ों में गिरावट देखी गई थी। देश में बीते चार महीनों में पहली बार एक दिन में कोरोना के ३० हज़ार से कम नए मामले सामने आ रहे थे। लेकिन इसमें अब दुबारा बढ़ोतरी होती दिख रही है।

corona-indiaत्यौहारों के दिनों में लापरवाही से बर्ताव ना करें। जब तक कोरोना का टीका उपलब्ध नहीं होता तब तक मास्क, सोशल डिस्टंसिंग एवं स्वच्छता ही कोरोना के खिलाफ लड़ने के प्रमुख हथियार हैं। इसी कारण इसे अनदेखा ना करें, ऐसा इशारा विशेषज्ञ लगातार दे रहे थे। यूरोप, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया में कोरोना की देखी गई नई लहर से बनी स्थिति की ओर यह विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे थे। सरकार भी लगातार नागरिकों को चेतावनी दे रही थी। लेकिन, त्यौहारों के दिनों में उमड़ी भीड़ और कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोना संक्रमण के मामलों में दुबारा बढ़ोतरी होने का चित्र दिखाई देने लगा हैं। साथ ही बीते सप्ताह में त्यौहारों के अवसर पर कोरोना के परीक्षण की संख्या कम हुई थी। इस दौरान देश में औसतन आठ लाख परीक्षण किए जा रहे थे। लेकिन, अब इस परीक्षण की मात्रा दुबारा बढ़ाकर १० लाख से अधिक की गई है। ऐसे में कोरोना के नए मामले सामने आने की संख्या भी दुबारा बढ़ने की बात स्पष्ट हो रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए आँकड़ों के अनुसार मंगलवार के दिन देश में कोरोना के २९,१६४ नए मामले दर्ज़ हुए और ४४९ संक्रमितों की मृत्यु हुई। बुधवार के दिन नए मामलों की संख्या बढ़कर ३८,६१७ हुई और ४७४ संक्रमितों की मृत्यु हुई। गुरूवार के दोपहर तक नए मामले बढ़कर ४५,५७६ हुए और ५८५ संक्रमितों ने दम तोड़ा। इसके साथ ही देश में कोरोना के नए मामले सामने आने की और मृतकों की मात्रा में वृद्धी होने की बात सामने आ रही है।

महाराष्ट्र में प्रतिदिन सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों की संख्या कम होकर ढ़ाई हज़ार तक जा पहुँची थी। इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मृत होनेवालों की संख्या ६० तक कम हुई थी। लेकिन, बुधवार के दिन नौं दिनों बाद राज्य में एक बार फिरसे एक दिन में १०० से अधिक कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है और ५ हज़ार से अधिक मामले दर्ज़ हुए हैं। महाराष्ट्र में कोरोना परीक्षण की संख्या कम होने से नए मामले देखे जाने की मात्रा भी कम हुई है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। राज्य में सितंबर में प्रति दिन औसतन एक लाख लोगों का कोरोना परीक्षण किया जा रहा था। अक्तुबर में इस परीक्षण की संख्या कम होकर ६० से ७० हज़ार रही थी। लेकिन, दिवाली के दौरान राज्य में प्रतिदिन हो रहे कोरोना परीक्षण की संख्या कम होकर २५ हज़ार हुई थी। इसके बाद अब कोरोना परीक्षण की संख्या में कुछ मात्रा में बढ़ोतरी की गई है और १८ नवंबर के दिन राज्य में ५३ हज़ार लोगों का कोरोना परीक्षण किया गया।

५ नवंबर तक सिर्फ मुंबई में ही प्रतिदिन १४ हज़ार लोगों का कोरोना परीक्षण किया जा रहा था। लेकिन, इसके अगले १० दिनों में इसमें ७३ प्रतिशत गिरावट हुई और प्रतिदिन औसतन ३,९१८ लोगों का कोरोना परीक्षण किया गया। १३ नवंबर के दिन शहर में ५,२६४ लोगों का कोरोना परीक्षण किया गया। लेकिन, १३ से १६ नवंबर के दौरान शहर में कोरोना परीक्षण की मात्रा में ५० प्रतिशत गिरावट देखी गई और इसी बीच १५ नवंबर के दिन शहर में मात्र २,२९८ लोगों का कोरोना परीक्षण किया गया। पुणे में भी कोरोना परीक्षण की मात्रा में ४३ प्रतिशत गिरावट देखी गई है। पुणे में सिंतबर में औसतन १३ हज़ार लोगों का कोरोना परीक्षण किया जा रहा था अब यह संख्या कम होकर ८ हज़ार हुई है। ऐसे में १५ नवंबर के दिन शहर में मात्र २,९०० लोगों का कोरोना परीक्षण हुआ है।

राज्य में कोरोना परीक्षण की संख्या कम होने से काफी विशेषज्ञ चिंता व्यक्त कर रहे हैं। इस वजह से अगले कुछ सप्ताह मुंबई, पुणे जैसे शहरों के लिए काफी अहम साबित होंगे, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। दिल्ली की तरह इन शहरों में भी कोरोना की दूसरी लहर देखी जाएगी, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है। इसी बीच राज्य के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट होगी। इस वजह से कोरोना का संकट अधिक गहरा होगा, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। कोरोना परीक्षण की संख्या में बढ़ोतरी किए बिना मौजूदा स्थिति की सच्चाई का अनुमान लगाना संभव नहीं होगा, यह दावा भी किया जा रहा है।

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