कश्मीर की मुठभेड़ में सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों समेत पाँच जवान शहीद – ‘लश्कर’ का कमांडर ढ़ेर

नई दिल्ली/श्रीनगर – कश्मीर के हंडवारा भाग में आतंकी और सुरक्षादलों के जवानों में हुई मुठभेड़ में सेना के कर्नल और मेजर के साथ साथ पाँच जवान वीरगति को प्राप्त हुए। दो बार सेनापदक प्राप्त किए कर्नल आशुतोष शर्मा इस मुठभेड़ में शहीद हुए। पाँच सालों में पहली ही बार किसी मुठभेड़ में इतने वरिष्ठ दर्ज़े का अधिकारी वीरगति को प्राप्त हुआ है। आतंकियों ने बंधक बनाये हुए नागरिकों को रिहा करते समय कर्नल शर्मा और उनके सहकर्मियों ने अतुलनीय शौर्य दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहिदों को आदरांजली अर्पण कर, देश उनका बलिदान भूलेगा नहीं, ऐसा कहा है। देशभर की जनता इन शहीदों के प्रति सम्मान की भावना ज़ाहिर कर रही होकर, उसी समय पाकिस्तान-पुरस्कृत आतंकवाद के ख़िलाफ़ ग़ुस्से की तीव्र लहर भारतीयों में उमड़ी दिखायी दे रही है।

कश्मीर के हंडवारा में आतंकियों की गतिविधियों की ख़बर सुरक्षादलों को मिली थी। उसके बाद शुक्रवार को इस इलाक़े में सुरक्षादलों ने एक संयुक्त मुहिम आयोजित की। अलग अलग पथक इसके लिए बनाये गए। शनिवार सुबह आतंकी और सुरक्षादलों के जवानों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। लेकिन यहाँ से भाग जाने में आतंकी क़ामयाब हुए। इन्हीं आतंकियों की खोज करते करते कर्नल आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में पथक हंडवारा के एक घर तक पहुँचा। यहाँ की संदिग्ध गतिविधियाँ ध्यान में आते ही इस पथक ने आजूबाजू के सारे परिसर के नागरिकों को वहाँ से बाहर निकाला। साथ ही आतंकियों ने बंधक बनाये हुए नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए कर्नल शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लान्सनायक दिनेश और पोलीस उपनिरीक्षक शकील काझी ने जान की परवाह ना करते हुए इस घर में प्रवेश किया।

सुरक्षादल के जवान घर में घुसे, यह ध्यान में आ जाते ही आतंकियों ने अंधाधुंद गोलीबारी शुरू की। इस गोलीबारी के बावजूद भी, जवानों ने घर के सभी लोगों को सुखरूप रिहा किया। लेकिन गोली लग जाने से कर्नल शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लान्सनायक दिनेश और पोलीस उपनिरीक्षक शकील काजी की वीरमृत्यु हुई। वहाँ से आतंकियों ने भागने की कोशिश की। लेकिन बाहर खड़े दूसरे पथक ने दो आतंकियों को जगह पर ही मार गिराया। दो आतंकी पड़ोस के जंगल में भीग जाने में क़ामयाब हुए। उसके बाद इस इलाक़े में व्यापक खोजमुहिम हाथ में ली गयी है।

मुठभेड़ में मारे गये आतंकियों में से एक को पहचाना गया होकर, वह ‘लश्कर-ए-तोयबा’ का वरिष्ठ कमांडर हैदर होने की जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलीस ने दी। कश्मीर के जिस जंगल क्षेत्र के पास यह मुठभेड़ हुई, वह इलाक़ा कुपवाडा की नियंत्रण रेखा के पास है। यहाँ की नियंत्रण रेखा के उस पार से घुसपैंठ करके भारतीय सीमा में दाख़िल हुए आतंकियों को, स्थानीय आतंकी और ख़ुफ़िया सहायकों से मदद मिलती है, ऐसा माना जाता है। इस कारण ये आतंकी, घुसपैंठ करने में क़ामयाब हुए आतंकियों से मिलने यहाँ आये होंगे, ऐसा अंदाज़ा व्यक्त किया जा रहा है।

नियंत्रण रेखा के उस पार तक़रीबन ४५० आतंकी घुसपैंठ करने तैयार होने की ख़बरें आयीं थीं। पाकव्याप्त कश्मीर में स्थित आतंकियों के लॉन्च पॅड पर दो ही हफ़्तों में आतंकियों की संख्या दोगुनी हुई होने की चेतावनी गुप्तचर यंत्रणाओं ने दी थी। पिछले हफ़्ते लष्करप्रमुख मनोज नरवणे ने भी, पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैंठ कराने के लिए लगातार संघर्षबंदी का उल्लंघन कर रहा होने का आरोप किया था। साथ ही, कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की योजना आतंकवादी गुटों ने बनायी होने की ख़बर भी आयी थी। इसी बीच, ‘लश्कर-ए-तोयबा’ के ‘द रेझिस्टन्स फ्रंट’ ने इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया होने की जानकारी सामने आ रही है।

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