मुंबई के पास समुद्र में दो बजरों में ४१० लोग फँसे – आयएनएस कोची और आयएनएस कोलकाता की मदद से नौसेना का बचाव कार्य

मुंबई – तौक्ते चक्रवात में भटके हुए दो बजरों (बड़ी नावें) में फँसे ४१० लोगों को बचाने के लिए नौसेना ने सोमवार को बचाव कार्य शुरू किया। इनमें से एक बजरा (बार्ज) यह ‘ऑईल ऍण्ड नॅचरल गॅस कॉर्पोरेशन’ (ओएनजीसी) का होकर ‘बॉम्बे हाय’ इस प्रोजेक्ट में तेल उत्खनन के काम में कार्यरत था । इसमें ‘ओएनजीसी’ के २९३ कर्मचारी थे, ऐसी जानकारी मिल रही है। साथ ही, दोनों जहाज़ों पर होनेवाले सभी लोग सुखरूप होने की जानकारी अधिकारियों ने दी है।

सोमवार दोपहर को तौक्ते चक्रवात की जोरदार हवाओं की चपेट में मुंबई हाई के पास दो जहाज फँस गए। इनमें ‘ओएनजीसी’ का एक बार्ज होकर, दूसरा बार्ज यह ‘जीएल कंट्रक्शन’ इस कंपनी का है। मुंबई के पास का सबसे बड़ा इंधन तेल और वायु उत्खनन प्रोजेक्ट होने वाले मुंबई हाय में ‘ओएनजीसी’ का यह बार्ज तैनात था। लेकिन चक्रवात के प्रभाव के कारण समुद्र में बहने वाली जोरदार हवाएं और बड़ी लहरों के कारण यह बार्ज भटकते हुए तूफान की दिशा में जाने लगा। इसकी जानकारी यंत्रणा को दी गई। उसके बाद ओएनजीसी ने नौसेना की सहायता माँगी और नौसेना ने आयएनएस कोची इस युद्धपोत को इस बचाव कार्य के लिए बॉम्बे हाई की दिशा में रवाना किया।

उसी समय कोमा मुंबई के किनारे से आठ सागरी मील दूरी पर एक और जहाज़ इसी तरह भटकने की सूचना नौसेना को मिली। यह ‘जीएल कंट्रक्शन’ की मालिकियत का जहाज़ होने की बात सामने आई है। इस पर इस कंपनी के १३७ कर्मचारी है। नौसेना ने इस जहाज़ के कर्मचारियों का बचाव करने के लिए मुहिम हाथ में ली होकर, आयएनएस कोलकाता इस युद्धपोत को इसके लिए तैनात किया गया है।

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