वर्ष २०१५ से भी अधिक शरणार्थियों के झुंड यूरोप पहुचेंगे – जर्मनी के अंतर्गत रक्षामंत्री का इशारा

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बर्लिन – ‘यूरोपिय महासंघ ने अपनी सीमा के देशों को अकेला छोडा है और यूरोप की सीमा सुरक्षित करने के लिए इन देशों की अधिक सहायता करने की जरूरत है| ऐसा नही हुआ तो वर्ष २०१५ में पहुंचे शरणार्थियों के झुंडों से भी अधिक बडी संख्या शरणार्थियों के झुंड यूरोप पहुंचेंगे’, यह इशारा जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्री हर्स्ट सीहॉफर ने दिया है| पिछले महीने में ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने यूरोपिय महासंघ ने तुर्की की सहायता नही की तो, यूरोप का द्वार फिर से शरणार्थियों के लिए खुला करने की धमकी दी थी| इस पृष्ठभूमि पर जर्मन रक्षामंत्री ने दिया इशारा ध्यान आकर्षित करता है|

पिछले सप्ताह में जर्मनी के अंतर्गत रक्षामंत्री हर्स्ट सीहॉफर, यूरोपियन कमिशन की नई प्रमुख ‘उर्सुला वॉन डेर लेयन समेत यूरोपिय महासंघ के शिष्टमंडल ने तुर्की और ग्रीस की यात्रा की| इस दौरान दोनों देशों में शरणार्थियों के शिविर, वरिष्ठ नेता और अधिकारियों से भी उन्होंने भेंट की थी| इस यात्रा के बाद जर्मन समाचार पत्र को दी मुलाकात में सीहॉफर ने शरणार्थियों की संख्या फिर से बढ रही है और यूरोप को फिर से इस समस्या का सामना करना होगा, इस बात का एहसास कराया था|

‘वर्ष २०१५ की तरह इस बार भी यूरोप शरणार्थियों के नए संकट का सामना करने के लिए तैयार नही है| इस वजह से यह संकट रोकना या इससे दूर रहना ही इलाज होगा| इसी मुद्दे पर हमें जर्मन चान्सेलर मर्केल का पूरा समर्थन है’, यह दावा भी जर्मनी के अंतर्गत रक्षामंत्री हर्स्ट सीहॉफर ने किया| तुर्की शरणार्थियों को पनाह देकर बडी जिम्मेदारी निभा रहा है, लेकिन, भूतकाल में यूरोप से इस देश को दी गई सहायता के बल पर भविष्य के लिए अपेक्षा रखना मुमकिन नही होगा, इन शब्दों में जर्मन मंत्री ने शरणार्थियों के झुंड आना फिर से शुरू होने के संकेत दिए|

शरणार्थियों के मुद्दे पर सहायता का विचार करते समय सिर्फ तुर्की और ग्रीस ही नही, बल्कि स्पेन और इटली का भी विचार करना होगा, यह सलाह भी जर्मन मंत्री हर्स्ट सीहॉफर ने दी है| ग्रीस के साथ ही स्पेन और इटली के रास्ते यूरोप में पहुंच रहे शरणार्थियों की तादाद बढ रही है और इन दोनों देशों ने महासंघ इस मुद्दे पर सहायता नही कर रहा है, यह आरोप भी रखे है| संयुक्त राष्ट्रसंघ ने हाल ही में प्रसिद्ध किए अहवाल के अनुसार वर्ष २०१९ के पहले नौ महीनों में ७२ हजार से भी अधिक शरणार्थी यूरोप पहुंचे है|

इनमें से २५ हजार से भी अधिक शरणार्थी स्पेन और इटली के रास्ते यूरोप में पहुंचे है| यूरोप में पहुंच रहे शरणार्थियों में खाडी देश, अफ्रीका एवं अफगानिस्तान के नागरिकों का सबसे अधिक समावेश होने की बात भी कही गई है| यूरोप पहुंच रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए यूरोप और तुर्की में वर्ष २०१६ में समझौता किया गया था| इसके अनुसार यूरोपिय महासंघ तुर्की को छह अरब यूरो से भी अधिक आर्थिक सहायता और अन्य सहुलियत प्रदान करेगा, यह तय हुआ था| लेकिन, दोनों मुद्दों पर महासंघ ने हाथ पुरी तरह से खुला नही किया है और इस कारण तुर्की में बडी नाराजगी है|

शरणार्थियों का भार इसके आगे तुर्की अकेला नही उठा सकता, यह इशारा देकर राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इन शरणार्थियों के लिए यूरोप के द्वार खुलने के लिए विवश होंगे, यह धमकाकर अपनी नाराजगी आक्रामकता के साथ व्यक्त की है|

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