उत्पादन बढ़ाने के लिए १.४६ लाख करोड़ रुपयों की ‘पीएलआय’ योजना

नई दिल्ली – देश में उत्पादन बढ़ाने के लिए १० अलग अलग क्षेत्रों में ‘प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्ह’ (पीएलआय) योजना लागू करने का बड़ा निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार के दिन किया। कुल १.४६ लाख करोड़ रुपये (२० अरब डॉलर्स) की यह योजना, भारत को जागतिक उत्पादन का केंद्र बनाने के लिए बड़ी सहायता कर सकती है। साथ ही, इससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा, यह दावा किया जा रहा है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन और सूचना एवं प्रसारणमंत्री प्रकाश जावडेकर ने, मंत्रिमंडल ने किए इस निर्णय की जानकारी साझा की।

‘पीएलआय’‘पीएलआय’ यह उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाई योजना है। वाहन क्षेत्र, दवाईयों का निर्माण क्षेत्र, एडव्हान्स केमिस्ट्री सेल बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन, टेलिकॉम क्षेत्र, टेक्सटाईल, सोलार, एलईडी, अन्न उत्पादन और व्हाईट गुडस्‌ यानी घरेलु उपकरणों के क्षेत्र के लिए यह योजना तैयार की गई है। इस योजना के अनुसार इन क्षेत्रों की कंपनियों को, अतिरिक्त उत्पादन करने पर ‘इन्सेन्टिव्ह’ यानी प्रोत्साहन रकम प्राप्त होगी। साथ ही, इस अतिरिक्त उत्पादन को निर्यात करने की अनुमति भी प्रदान की जाएगी।

‘पीएलआय’‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ का उद्देश्‍य सामने रखकर यह निर्णय किया गया है। देश में अधिक से अधिक निवेश हों और भारत उत्पादन का जागतिक केंद्र बनें, इसके लिए सरकार की कोशिश हो रही है, यह बयान केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारामन ने किया। साथ ही इसकी वजह से भारत में अधिक से अधिक निवेश होगा। जागतिक सप्लाई चेन में भारत का स्थान निर्माण करने का उद्देश्‍य भी इस योजना के पीछे होने की बात उन्होंने कही।

‘पीएलआय’‘पीएलआय’ योजना की वजह से देसी कंपनियों को जागतिक कंपनियों की बराबरी पर पहुँचाना संभव होगा और ये कंपनियाँ जागतिक स्तर पर स्पर्धक के तौर पर आगे आयेंगी, यह दावा किया जा रहा है। अधिक रोज़गार निर्माण करने की दृष्टि से भी यह योजना लाभदायी साबित होगी, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। पिछले महीने में ही, घरेलु उत्पादन के क्षेत्र को गति देने के लिए नीति आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार ने यह ऐलान किया था कि सरकार ‘प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्ह’ योजना पर अमल करने जा रही है।

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