असम और मिज़ोराम की सीमा पर हुई दो गुटों में हिंसा

Assam-Mizoram-borderनई दिल्ली – शनिवार की रात असम और मिज़ोराम की सीमा पर दो गुटों में हुई हिंसा में सात से अधिक लोग घायल हुए हैं। साथ ही कुछ दुकान और मकान इस हिंसा के दौरान हुई आगजनी में भस्म हुए। इसके बाद सरहदी क्षेत्र में कुछ समय के लिए तनाव बना रहा। अब वहां की स्थिति नियंत्रण में है और इस इलाके में अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सामने पूरी स्थिति की जानकारी पेश की है।

असम के काचर और मिज़ोराम के कोलासिब ज़िले की सीमा पर दो गुटों में हिंसा हुई। मिज़ोराम के कोलासिब स्थित वेरनगट्टे गांव से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित सरहदी क्षेत्र में बांबू से अस्थायि दुकान और मकान का निर्माण किया गया था। साथ ही चेकपोस्ट भी बनाई गई थी। कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि पर सरहदी क्षेत्र से आ रहे नागरिकों की जाँच करने के लिए यह निर्माण किया गया था, ऐसा बताया जा रहा है। इस मुद्दे पर असम और मिज़ोराम के सरहदी क्षेत्र में रहनेवाले नागरिकों के गुटों में हिंसा हुई।

इसकी वजह से कुछ देर के लिए इस क्षेत्र में तनाव बना रहा। असम और मिज़ोराम के मुख्यमंत्रियों ने इस तनाव के मुद्दे पर चर्चा भी की है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों जनता से शांति बरकरार रखने के लिए निवेदन किया है। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्रालय ने शीघ्र ही बैठक करके स्थिति का जायज़ा किया। अब स्थिति नियंत्रण में है और इस क्षेत्र में इंडियन रिज़र्व बटालियन की तैनाती की गई है।

Assam-Mizoram-borderअसम-मिज़ोराम की सीमा पर ८० प्रतिशत अवैध बांगलादेशी बसे हुए होने की बात सामने आयी है। इस वजह से यह भी एक इस विवाद का कारण होने की बात कही जा रही है। असम और मिज़ोराम के बीच १६४.६ किलोमीटर की सीमा है। वर्ष १९७२ तक मिज़ोराम असम का ही हिस्सा था। इसके बाद मिज़ोराम स्वतंत्र केंद्रीय प्रदेश बनाया गया। वर्ष १९८७ में मिज़ोराम को राज्य का दर्जा बहाल हुआ। तभी से इन दोनों राज्यों में सीमा विवाद जारी है। रविवार के दिन हुई हिंसा के पीछे ईशान कोण की बागी संगठना का हाथ होने की बात कही जा रही है। उन्हें इस क्षेत्र में विकास नहीं करना है और इस क्षेत्र में अस्थिरता बरकरार रखनी है, यह दावे किए जा रहे हैं।

इसी बीच, बीते सप्ताह में असम के गुवाहाटी में कुछ हिस्सों में दो महीनों के लिए जमावबंदी लगाई गई थी। गुवाहाटी के रिहायशी इलाकों में आतंकी संगठन सामाजिक द्वेष निर्माण करने के लिए छिपकर बैठे हैं, यह रपट गुप्तचर यंत्रणाओं ने असम की पुलिस को दी थी। इसके बाद चौकन्ना हुई गुवाहाटी पुलिस ने शहर में धारा १४४ लगाने का निर्णय किया।

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