हॉंगकॉंग के सरकारविरोधी प्रदर्शनों की हिंसा डरावनी घटना – चीन की हुकूमत ने की आलोचना में प्रदर्शनकारियों समेत पश्‍चिमी देश लक्ष्य

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/हॉंगकॉंग – लगातार दो महीनें हॉंगकॉंग सरकार के विरोध में शुरू प्रदर्शनों ने लिया हिंसा का मोड काफी डरावनी घटना होने की आलोचना चीन की हुकूमत ने की है| चीन के नेताओं ने यह प्रदर्शनें अवैध करार करके हम हॉंगकॉंग सरकार और सुरक्षायंत्रणा के पक्ष में होने का भरौसा दिलाया है| साथ ही हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों का विस्फोट करवाकर चीन को रोकने की कोशिश कभी भी कामयाब होने नही देंगे, यह इशारा भी चीन ने दिया है|

हॉंगकॉंग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक के मुद्दे पर शुरू हुए प्रदर्शन लगभग दो महीनों से अधिक समय तक शुरू है और पिछले कुछ दिनों में यह प्रदर्शन हिंसक होते दिखाई दे रहा है| चीन के समर्थन में काम कर रहे प्रशासन ने थोंपे विधेयक का विरोध करने के कारण से शुरू हुए प्रदर्शनों से हॉंगकॉंग की जनता के मन में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के विरोध में बना असंतोष उभर आया है|

इससे पहले वर्ष २०१४ में हॉंगकॉंग में जनतंत्र के पक्ष में सुधार करने की मांग करने के लिए शुरू हुए प्रदर्शन दबाए गए थे| लेकिन, इस बार प्रदर्शनकारियों के गुट अधिक आक्रामक हुए है और सुरक्षा यंत्रणाओं के साथ चीन की हुकूमत के प्रतीकों को जाहीर तौर पर लक्ष्य किया जा रहा है| शनिवार और रविवार के दिन लगातार दो दिन हॉंगकॉंग में हजारों लोगों ने प्रदर्शनों के लिए रास्ते पर उतरकर चीन के विरोध में अपना क्रोध अधिक तीव्रता के साथ व्यक्त किया| इस दौरान पुलिस को इट, बोटल, पेंट बम एवं घातक रासायनों का इस्तेमाल करके लक्ष्य किया गया|

प्रदर्शनकारियों के क्रोध का विस्फोट चीन की हुकूमत के लिए खतरे की घंटी साबित हो रही है| इसीलिए वर्ष १९९७ के बाद पहली बार चीन के हुकूमत का ‘हॉंगकॉंग ऍण्ड मकाव ऑफिस’ ने सोमवार के दिन वार्तापरिषद का आयोजन किया| इस दौरान इस विभाग के प्रवक्ता यांग गुआंग ने हॉंगकॉंग में अराजकता की स्थिति के लिए प्रदर्शनकारी ही जिम्मेदार होने का आरोप किया|

‘हॉंगकॉंग में सरकार के विरोध में शुरू प्रदर्शनों में हुई हिंसा की घटना काफी डरावनी है| आक्रामक गुटों ने किए शैतानी एवं अपराधिक करतुतों का हम निषेध करते है| हॉंगकॉंग में जनता की वतर्मान स्थिति काफी गंभीर है, इसका ठिक से एहसास रखे| जनता कानुन की सुरक्षा के लिए डटकर खडी रहेगी, यह हमें विश्‍वास है’, इन शब्दों में गुआंग ने प्रदर्शनकारियों पर आलोचना करके उन्हें अपराधि साबित करने की कोशिश की|

हॉंगकॉंग कानुन और सुव्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है और हिंसा सिर्फ हिंसा है और गैरकानुनी हरकतें गैरकानुनी ही साबित होती है| इसमें कुछ भी बदलाव नही होगा, यह इशारा भी चीन के प्रवक्ता ने दिया है| चीन की हुकूमत हॉंगकॉंग में सरकार और कानुन की रक्षा करनेवाले पुलिसों के साथ डटकर खडी है, यह इशारा भी गुआंग ने दिया| गुआंग ने किया यह वक्तव्य यानी अगले दिनों में हॉंगकॉंग में प्रदर्शन खतम करने के लिए पुलिसी बल का अधिक आक्रामकता के साथ प्रयोग होने के संकेत समझे जा रहै है|

चीन सरकार के साथ ही प्रसारमाध्यमों ने भी हॉंगकॉंग के हिंसक प्रदर्शनकारियों को लक्ष्य किया| ‘चाइना डेलि’ इस सरकारी समाचार पत्र ने हॉंगकॉंग के प्रदर्शन कुछ वर्ष पहले अफ्रीका एवं खाडी देशों में शुरू हुए ‘अरब स्प्रिंग’ की तरह होने का आरोप किया है| लेकिन, अरब स्प्रिंग ने खाडी देशों में हुकूमत में बदलाव किया था, वैसा बदलाव हॉंगकॉंग में ना हो, इस के लिए चीन लष्करी बल का भी प्रयोग कर सकता है, यह धमकियां चीन के नेता दे रहे है|

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