प्रतिबंधों द्वारा अमरिका का ईरान को घुटने पर लाने का प्रयत्न – ईरान के उपराष्ट्राध्यक्ष का आरोप

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तेहरान – परमाणु कार्यक्रम से ईरान वापसी करें इसीलिए अमरिका अलग प्रकार से दबाव कर रहा है। अमरिका के यह नए प्रतिबंध मतलब ईरान को शरण लाने का प्रयत्न है, ऐसी आलोचना इरान के उपराष्ट्राध्यक्ष एशाक जहांगीरी ने की है। साथ ही कितने भी प्रयत्न हुए फिर भी ईरान अमरिका के साथ समझौते नहीं करेगा, ऐसी घोषणा ईरान के उपराष्ट्राध्यक्ष ने कि हैं।

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अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर जारी किए प्रतिबंधों पर ईरान के उपराष्ट्राध्यक्ष जहांगीरी ने आलोचना की है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के यह प्रतिबंध जारी करके ईरान को शरण लाने के लिए विवश किया जा रहा है, अमरिका का यह ईरान विरोधी षड्यंत्र होने का आरोप जहांगीरी ने किया है। अमरिका को जब कभी समझौते करने हैं तब वह समझौते के लिए मुख्य मांग करते हैं। अमरिका इन मांगों से एक कदम वापस नहीं होता पर प्रतिपक्ष ने अमरिका के मांग को तत्काल कीमत चुकानी है, ऐसी उनकी इच्छा होती है। प्रतिपक्ष भी उनकी मांग मंजूर नहीं करता तब खलबली निर्माण करके अमरिका प्रतिपक्ष को शरण आने के लिए विवश करता है, ऐसा आरोप ईरान के उपराष्ट्राध्यक्ष ने किया है।

ईरान के साथ परमाणु करार से बाहर निकलकर नए कठोर प्रतिबंध जारी करके अमरिका ईरान को शरण आने के लिए विवश कर रहा है, पर अमरिका के इस षड्यंत्र को ईरान महत्व नहीं देगा, ऐसा जहांगीरी ने सूचित किया है। तथा अमरिका के इस षड्यंत्र के विरोध में ईरान की जनता एकजुट करे, ऐसा आवाहन उपराष्ट्राध्यक्ष जहांगीर ने किया है। अमरिका के इन प्रतिबंधों से बाहर निकलना है, तो ईरान की जनता को साथ आना होगा। तथा देश की वित्त व्यवस्था संवारते हुए नागरिकों को इन प्रतिबंधों का कम से कम झटका लगेगा, इसके लिए प्रयत्न करने होंगे, ऐसा जहांगीरी ने सरकारी वृत्त माध्यम से बोलते हुए कहा है।

उपराष्ट्राध्यक्ष जहांगीरी ने अमरिका के प्रतिबंधों के विरोध में ईरान की जनता को आवाहन करके राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी इनके ऊपर जनता का क्रोध कम करने का प्रयत्न करते दिखाई दे रहे हैं। अमरिका ने प्रतिबंध घोषित करने से पहले ईरान की व्यवस्था डगमगा रही थी। प्रतिबंधों के बाद इनकी व्यवस्था अधिक जटिल बनती जा रही है। ईरान के चलन रियाल की प्रतिदिन गिरावट, आर्थिक व्यवस्थापन में कमी की वजह से ईरान में बेरोजगारी की बढ़त तथा विदेशी निवेश में गिरावट हो रही है। इसकी वजह से ईरान की जनता की रोहानी सरकार के विरोध में नाराजगी बढ़ती जा रही है और सरकार बदलाव की जोरदार मांग हो रही है।

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खामेनी के साथ लष्करी अधिकारी और अन्य राजनीतिक नेता भी राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के आर्थिक और विदेश निती की धारणा विफल हुई है, ऐसा आरोप कर रहे हैं। सन २०१५ वर्ष में अमरिका के साथ परमाणु करार करने के लिए ईरान के विदेश मंत्री को भेजना यह बहुत बड़ी गलती थी, ऐसा बयान खामेनी ने दिया था।

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