तैवान की खाड़ी की शांति और स्थिरता को अमरीका खतरे में धकेल रही है – चीन का आरोप

बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमरीका की विध्वंसक ने मंगलवार के दिन तैवान के करीबी समुद्री क्षेत्र में गश्‍त लगाई थी। इस पर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अमरीका की गतिविधियाँ तैवान के समुद्री क्षेत्र की शांति और स्थिरता खतरे में धकेल रही हैं, यह आरोप चीन ने लगाया है। इसी बीच तैवान के रक्षा मंत्रालय ने समुद्री क्षेत्र की स्थिति सामान्य होने का निवेदन किया है।

Taiwan-strait-US-01-300x225अमरीका की ‘सेवन्थ फ्लीट’ की ‘यूएसएस कर्टिस विल्बर’ नामक प्रगत मिसाइल विध्वंसक ने मंगलवार के दिन तैवान के करीबी समुद्री क्षेत्र में गश्‍त लगाई थी। ‘यूएसएस कर्टिस विल्बर’ ने इस क्षेत्र में बीते तीन महीनों में गश्‍त लगाने का यह दूसरा अवसर है। यह गश्‍त नियमित मुहिम का हिस्सा है और यह गश्‍त लगाते समय अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन किया गया है, यह बात अमरिकी नौसेना ने स्पष्ट की।

‘खुले और मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अमरीका वचनबद्ध है। अपने विध्वंसक की गश्‍त इसी के अनुसार है। अमरिकी रक्षाबल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करके अपनी मुहिम जारी रखेंगे’, यह निवेदन अमरिकी नौसेना ने जारी किया है। तैवान के रक्षा मंत्रालय ने अमरिकी विध्वंसक की मुहिम की पुष्टि की है। इस विध्वंसक ने वर्णित समुद्री क्षेत्र से दक्षिण दिशा की ओर यात्रा की है और स्थिति सामान्य होने की बात भी स्पष्ट की है।

Taiwan-strait-US-300x161लेकिन, अमरीका की गश्‍त और इस पर जारी किए गए निवेदन पर चीन ने आपत्ति जताई है। ‘तैवान की आज़ादी का समर्थन कर रहे गुटों को अमरीका गलत संदेश दे रही है। अमरीका जानबूझकर इस क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। अमरीका की हरकतों की वजह से इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता को खतरा निर्माण हुआ है’, यह आरोप चीन के ‘ईस्टर्न कमांड’ ने लगाया है।

इसी बीच, अमरीका-चीन युद्ध होने पर इस दौरान तैवान अहम भूमिका निभा सकता है, यह दावा तैवानी विश्‍लेषकों ने किया है। तैवान के ‘नैशनल डिफेन्स ऐण्ड सिक्युरिटी रिसर्च’ में बतौर सायबर विशेषज्ञ काम कर रहे सिह पै-स्यू समेत उन्होंने एक लेख में इस मुद्दे से संबंधित भूमिका स्पष्ट की। अमरिकी रक्षाबल का अंग होनेवाले ‘मरिन कोर’ चीन विरोधी संघर्ष के दौरान तैवान का बतौर अड्डा इस्तेमाल कर सकता है, इस ओर स्यू ने ध्यान आकर्षित किया है।

यूएस मरिन कोर का हिस्सा होनेवाले विमान और युद्धपोत तैवान से चीन पर हमला कर सकते हैं, यह बात तैवानी विश्‍लेषक ने अपने लेख में दर्ज़ की है।

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