अफगानिस्तान में संघर्षबंदी करने के अमरिका-तालिबान बातचीत दुबारा शुरू

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरदोहा – तालिबान ने अफगानी सैनिकों पर किए हमले को कुछ ही घंटे हो रहे थे, के कतार में अमरिका और तालिबान में तीसरे स्तर की बैठक शुरू हुई है| अफगानिस्तान में संघर्षबंदी जारी करना तथा अमरिका की सेना वापसी के बारे में इस बैठक में चर्चा होनेवाली है| इस वजह से अमरिका एवं तालिबान के इस चर्चा की तरफ दुनिया भर का ध्यान लगा हुआ है|

पिछले हफ्ते में अफगान तालिबान और अमरिका में २ दिनों की चर्चा हुई थी| तालिबान के संस्थाओं में से एक और अग्रणी के कमांडर मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर भी इस बैठक में शामिल हुए थे| तथा अमरिका के विशेष दूत झाल्मे खलिलझाद ने इस चर्चा का नेतृत्व किया था| कतारी अधिकारियों के मध्यस्थि से हुई इस बैठक की वजह से इस चर्चा पर पाकिस्तान का नियंत्रण पूर्णरूप से खारिज होने की बात स्पष्ट होती है|

आज तक पाकिस्तान तालिबान को नियंत्रित करके अफगानिस्तान को अपने पैरों तले रखने का ख्वाब देख रहा था| पर तालिबान ने पाकिस्तान के चर्चा में शामिल होने से इन्कार करके इस देश को उसकी जगह दिखाई थी| अफगानी जन भावना के विरोध में जाकर हम यह चर्चा नहीं करेंगे, ऐसा कहकर तालिबान ने अपनी राजनीतिक भूमिका स्पष्ट की थी|

शांति चर्चा के प्रस्ताव के अधिकतम मुद्दों पर अमरिका और तालिबान में सहमति होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी| पर अमरिकी सेना वापसी और संघर्षबंदी के कई मुद्दों पर समाधान नहीं निकला था| इसकी वजह से शनिवार से फिर एक बार दोहा में शुरू हुई बैठक में सेना वापसी और संघर्षबंदी के मुद्दे पर चर्चा होने का अंदाजा जताया जा रहा है| साथ ही अफगानिस्तान में गनी सरकार के बारे में तालिबान से अमरिका की सहमति होने का दावा किया जा रहा है|

दौरान अफगानिस्तान में अमरिका के लगभग १४००० सैनिक तैनात होकर, इनमें आधे से अधिक सैनिक वापस बुलाने की तैयारी अमरिका ने दिखाई है| तथा अफगानिस्तान का उपयोग अमरिका तथा मित्र देशों पर आतंकवादी हमलों के लिए नहीं होगा, यह अमरिका की मांग तालिबान ने मंजूर की है|

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