इंडो-पैसिफिक समुद्री क्षेत्र में अमरिकी ‘स्टेल्थ’ एवं ‘बॉम्बर’ विमानों का बडा युद्धाभ्यास

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – युद्धपोत विरोधी मिसाइल की तैनाती और ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा का परीक्षण करके चीन ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में अमरिका की प्रभुता को चुनौती दी थी| चीन के इस चुनौती को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में हवाई युद्धाभ्यास का आयोजन करके अपनी तैयारी दिखाई है| इस हवाई युद्धाभ्यास में अमरिका के ‘एफ-३५’, ‘एफ-२२’ और ‘बी-२’ इन स्टेल्थ विमान शामिल हुए थे| इस दौरान हमले के लिए ‘स्मार्ट बॉम्ब’ का इस्तेमाल होने की जानकारी प्राप्त हुई है| वही अमरिका का यह युद्धाभ्यास यानी चीन के लिए इशारा था, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे है|

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अहम समुद्री हिस्से में अमरिकी विमानों ने यह युद्धाभ्यास किया| पैसिफिक महासागर के गुआम लष्करी द्विपों पर तैनात ‘एफ-३५’, ‘एफ-२२’ इन स्टेल्थ लडाकू विमानों के साथ ‘बी-२’ स्टेल्थ बॉम्बर विमानों ने ‘ईस्ट चाइना सी’ से फिलिपिन्स के समुद्री क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया| युद्ध के दौरान काफी कडी चुनौतीयों का मुकाबला करने का अभ्यास इस दौरान किया गया| इस युद्धाभ्यास में ‘यूएसएस वास्प’ यह प्रगत युद्धपोत भी शामिल हुई थी| सबसे महंगे और प्रगत लडाकू विमान के तौर पर जाने जा रहे एवं दुश्मन के राडार को भी चकमा देने में सक्षम ‘एफ-३५’ विमानों ने इस युद्धपोत से उडान भरी और ‘डमी टार्गेट’ पर बम से हमले किए|

गुआम द्विपों पर तैनात ‘बी-२२’ स्टेल्थ बॉम्बर विमान का इस्तेमाल शत्रू की सीमा में घुंसकर हमला करने के अभ्यास करने के लिए हुआ| इस अभ्यास में ‘एफ-२२’ विमानों ने ‘बी-२’ विमानों का साथ किया| दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुंसकर हमले करने तक ‘एफ-२२ विमान ‘बी-२’ बॉम्बर विमानों के साथ उडान भर रहे थे| यह दोनों विमान स्टेल्थ तकनीक से लैस है और प्रगत राडार को भी चकमा दे सकते है, ऐसा दावा अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे है| इस वजह से शत्रू की हवाई सुरक्षा यंत्रणा ध्वस्त करने का अभ्यास करके इन दोनों विमानों ने दुश्मनों का दरवाजा खटखटाया है, ऐसा दावा अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे है|

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा रेखांकित करने के लिए इस युद्धाभ्यास का आयोजन करने का दावा अमरिकी लष्कर रहा है| लेकिन, अमरिकी स्टेल्थ लडाकू और बॉम्बर विमानों के इस युद्धाभ्यास का दाखिला देकर अमरिकी विश्‍लेषक और रशियन माध्यमों ने यह युद्धाभ्यास चीन के लिए इशारा था, ऐसा कहा है| पिछले कुछ हफ्तों से इस समुद्री क्षेत्र में मौजूद अमरिकी विमानवाहक युद्धोपोतों को डुबोने की चेतावनी दे रहे चीन को इशारा देने के लिए अमरिका ने इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया था, ऐसा दावा अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे है| इसके अलावा रशियन माध्यमों ने यह भी कहा है की, ‘इस हवाई युद्धाभ्यास के साथ ही अमरिका ने चीन में घुंसने की तैयारी की है|’

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