अमरीका और दक्षिण कोरिया के सहयोग पर चीन के मुखपत्र की आलोचना

वॉशिंग्टन – पिछले चार दशकों से दक्षिण कोरिया पर लगाईं गईं मिसाइल गाइडलाईन्स यानी क्षेपणास्त्रों पर लगाईं पाबंदियाँ हटाने की घोषणा अमरीका ने की। इससे दक्षिण कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र का निर्माण कर सकेगा। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रध्यक्ष मून जे-ईन की मुलाक़ात में यह घोषणा की गई। उसी के साथ तंत्रज्ञान के क्षेत्र में ‘सेमीकंडक्टर’ के निर्माण के बारे में सहयोग की घोषणा हुई है स्टॉप अमेरिका और दक्षिण कोरिया के इस सहयोग पर चीन के सरकारी मुखपत्र ने गुस्सा ज़ाहिर किया है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष मून जे-ईन ने अमरीका का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से मुलाकात की। अमरीका के साथ रक्षा, तंत्रज्ञान विषयक तथा वैद्यकीय मोरचे पर सहयोग बढ़ाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष मून का यह दौरा था। दोनों देशों के राष्ट्रप्रमुखों के बीच संपन्न हुई बैठक के बाद अमरीका ने, दक्षिण कोरिया के क्षेपणास्त्र कार्यक्रम पर लगाई गई मर्यादाओं को हटाने की घोषणा की।

US-South-Korea-394x217सन १९७९ में इन दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार, दक्षिण कोरिया ने अपने क्षेपणास्त्रों की मारक क्षमता को १८० किलोमीटर तक मर्यादित रखना मान्य किया था । इसके बदले दक्षिण कोरिया ने अमरीका से लष्करी तंत्रज्ञान प्राप्त किया था। पिछले साल राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया का खतरा अधोरेखांकित करके, दक्षिण कोरियन क्षेपणास्त्रों की मारक क्षमता ४ गुना बढ़ाने की अर्थात ८०० किलोमीटर तक ले जाने की सहूलियत दी थी।

लेकिन शुक्रवार के फैसले के कारण दक्षिण कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक क्षेपणास्त्र तथा पनडुब्बी से प्रक्षेपित किए जा सकनेवाले बैलिस्टिक क्षेपणास्त्रों का निर्माण कर सकता है। यह फैसला दक्षिण कोरिया को ज़ंजीरों से आज़ाद करनेवाला और क्षेपणास्त्रों के निर्माण के सर्वाधिकार बहाल करनेवाला साबित होता है, ऐसा दावा लष्करी विश्लेषक कर रहे हैं। लॉन्ग रेंज क्षेपणास्त्रों के निर्माण के कारण, उत्तर कोरिया तथा अन्य खतरों से दक्षिण कोरिया को सामरिक सुरक्षा मिलेगी, ऐसा इन लष्करी विश्लेषकों का कहना है।

वहीं, अमरीका और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्षों के बीच तंत्रज्ञान के क्षेत्र में विशेष सहयोग करने पर एकमत हुआ। तंत्रज्ञान के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण होनेवाले सेमीकंडक्टर के निर्माण में सहयोग बढ़ाने पर दोनों नेताओं के बीच सहमति हुई। कुछ महीने पहले सेमीकंडक्टर की कमी के कारण, फोर्ड और जनरल मोटर्स इन कार निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनियों को अपने कुछ कारखाने बंद करने पड़े थे। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और राष्ट्राध्यक्ष मून ने स्थापित किए सहयोग के कारण, अमरिकी उद्योग क्षेत्र के लिए आवश्यक सेमीकंडक्टर की सप्लाई के लिए दक्षिण कोरिया से बड़ी सहायता मिलेगी, ऐसा दावा किया जाता है।

सेमीकंडक्टर्स के मोरचे पर अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हुए इस सहयोग की, न्यूयॉर्क टाईम्स तथा चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने आलोचना की है। अमरिकी उद्योगक्षेत्र के लिए आवश्यक सेमीकंडक्टर्स की माँग पूरी करने में दक्षिण कोरिया यह चीन के लिए विकल्प साबित नहीं हो सकेगा, ऐसा अमरिकी अखबार का कहना है।

वहीं, सेमीकंडक्टर्स के मोरचे पर दक्षिण कोरिया से सहयोग करके अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है, ऐसी आलोचना चिनी मुखपत्र ने की। इसके बावजूद भी चीन और दक्षिण कोरिया के सहयोग पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, ऐसा दावा चीन के मुखपत्र ने किया।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और राष्ट्राध्यक्ष मून की चर्चा में, ईस्ट और साऊथ चायना सी तथा ताइवान पर भी चर्चा संपन्न हुई। दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष ने माध्यमों के साथ बातचीत करते समय यह जानकारी दी। वहीं, व्हाइट हाउस ने भी अपने निवेदन में ताइवान का मुद्दा अधोरेखांकित किया। ताइवान की खाड़ी में शांति और स्थिरता बरकरार रखना बहुत ही आवश्यक है, यह बात दोनों नेताओं ने मान्य की। लोकतंत्रवादी देशों के रूप में, मानवाधिकार और कानूनों की सुरक्षा के लिए दोनों देशों को यह जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी, ऐसा व्हाइट हाउस ने कहा है।

अमरीका और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्षों ने अपने क्षेत्र की स्थिरता का विचार करने के कारण ताइवान ने दोनों देशों का शुक्रिया अदा किया है। लेकिन इससे चीन की बेचैनी बढ़ी है। अमरीका और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्षों की चर्चा में ताइवान का हुआ जिक्र चिंताजनक है, ऐसा चीन का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है। लेकिन अपने पूरे निवेदन में दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने चीन का जिक्र टाला, इसपर चीन के मुखपत्र ने गौर फ़रमाया।

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