अमरिका कतार करारनामे पर सऊदी और अरब देशों की नाराजगी

रियाध/दोहा, दि.१२: खाड़ी देशों का दौरा कर रहे अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने मंगलवार को कतार को भेंट दी।महिना पहले सऊदी और अरब मित्र देशों ने डाले हुए निर्बंधों के बाद कतार को भेंट देने वाले टिलरसन अमरिका के पहले उच्चपदाधिकारी बन गए हैं।इस भेंट के दौरान विदेश मंत्री टिलरसन ने कतार के राजा ‘शेख तमीम बिनहमाद अल-थानी’ से मुलाकात कर के अरब देशों ने डाले हुए बहिष्कार पर चर्चा की,यह जानकारी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रसिद्ध की है।साथ ही कतार के विदेश मंत्री ‘शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रेहमान अल-थानी’ के साथ महत्वपूर्ण करारनामों पर हस्ताक्षर भी किए।

अमरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रसिद्ध की हुई जानकारी के अनुसार, आतंकवाद को वित्त सहाय करने वालों के खिलाफ संघर्ष करने वाले करारनामे पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।‘अरब देशों ने कतार पर डाले हुए बहिष्कार की पृष्ठभूमि की नजर से इस करारनामे को न देखा जाए।अमरिका और कतार के बीच का यह करारनामा बिलकुल अलग है।कतार के विदेश मंत्री ने इस दौरान आवाहन किया है कि, आतंकवाद को वित्त सहाय करने वालों के खिलाफ संघर्ष करने वाले करारनामे पर अमरिका के साथ पहली बार किसी देश ने हस्ताक्षर किए हैं और अन्य खाड़ी देश भी इस करारनामे का हिस्सा बनें।

विदेश मंत्री टिलरसन नेकतार की इस भूमिका का स्वागत किया है।आतंकवादकोखोजने और आतंकवाद को मिलने वाले वित्त सहाय को बंदकर देने वाले इस करारनामे पर हस्ताक्षर करके कतार ने एक बहुत बड़ा कदम उठायाहै, ऐसाटिलरसन ने कहा।टिलरसन ने भरोसा व्यक्त किया की आगेअमरिका और कतारएक साथ मिलकर आतंकवाद को किए जाने वाले वित्त सहाय को खोज निकालेंगे और खाड़ी के साथ साथ अमरिकाको भी आतंकवाद से मुक्त करेंगे।

अमरिका के विदेश मंत्री टिलरसन का कतार दौरा और इस दौरे में किए हुए इस करारनामे पर सऊदी अरेबिया, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (युएई) और इजिप्त इन चार देशों ने तीव्र नाराजगी जाहिर की।‘महीने पहले अमरिकाने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए और आतंकवाद को मिलनेवाले वित्त सहाय को बंद करने के लिए, अरब-इस्लामी देशों के साथ अपनाई हुई भूमिका महत्वपूर्ण थी।इस वजह से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकते थे।लेकिन अमरिका ने कतार के साथ किए हुए करारनामे से कुछ भी हासिल नहीं होगा,’ऐसी टीका सऊदी और मित्र देशों ने की है।

भले ही अमरिका ने कतार के बारे में अपनी भूमिका नरम की हो, फिर भी अरब देशों ने कतार के बारे में ली हुई भूमिका में कुछ भी फर्क नहीं पड़ने वाला और कतार अरब देशों की १३ माँगे पूरी करे, ऐसा अरब देशों ने स्पष्ट किया। सऊदी और अरब देश आरोप लगा रहे हैं कि कतार आतंकवाद का समर्थन करने वाला और वित्तसहाय करने वाला देश है।इसके लिए सऊदी और मित्रदेशों ने कतार पर निर्बंध लाद कर ईरान और तुर्की के साथ के सहाकार्य को तोड़ने की माँग अरब देशों ने की है। ‘अरब देशों की इन माँगों को कतार ने अमान्य किया और अपनी भूमिका पर अड़े रहे।

दौरान,अरब देशों ने कतार के सामने रखी हुई माँगे अनुचित होने की टीका, कुछ ही घंटों पहले अमरिका के विदेश मंत्रालय ने की थी।उसके बाद सीधे कतार के साथ यह करारनामा करने के कारण सऊदी और अरब देशों की अमरिका पर नाराजगी बढ़ गई है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सऊदी और मित्र देशों ने कतार पर निर्बंध लादने के बाद उसका स्वागत किया था।उसी समय अमरिका के विदेश मंत्रालय ने और रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने कतार का समर्थन किया था।अमरिका की यह दोहरी भूमिका मतलब अंतर्गत राजनीति का एक हिस्सा होने का दावा विश्लेषकों से किया जा रह है। लेकिन यह एक ही समय पर कतार और सऊदी में संतुलन बनाने की अमरिका की सुनियोजित नीति का एक हिस्सा होने की संभावना भी सामने आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.