अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का रक्षा विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इन्कार

वॉशिंग्टन – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सन २०२१ के रक्षाखर्च विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इन्कार किया है। जर्मनी तथा अफ़गानिस्तान से सेनावापसी की प्रक्रिया रोकना और अमरीकास्थित लष्करी अड्डों के नाम बदलने का प्रस्ताव, इन मुद्दों पर ट्रम्प ने विरोध दर्शाया होने की बात सामने आयी है। कुछ दिन पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, कोरोना महामारी में दी जानेवाली वित्तसहायता के विधेयक का भी विरोध किया था। एक के बाद एक किये गए इन्कार के कारण नज़दीकी समय में ट्रम्प और संसद के बीच ज़ोरदार संघर्ष होने के संकेत दिये जा रहे हैं।

us-trumpबुधवार को अमरिकी संसद ने, ७४० अरब डॉलर्स का प्रावधान होनेवाला ‘नॅशनल डिफेन्स ऑथोरायझेशन ऍक्ट’ यह विधेयक राष्ट्राध्यक्ष के पास भेजने की जानकारी दी। लेकिन ट्रम्प ने उसपर हस्ताक्षर करने से इन्कार किया होकर, यह विधेयक यानी रशिया एवं चीन को दी भेंट है, ऐसी आलोचना की। संसद ने मंज़ूर किये विधेयक में, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जर्मनी तथा अफ़गानिस्तान से सेनावापसी के सन्दर्भ में किये फ़ैसले को विरोध दर्शाया गया है। उसी समय, अमरीकास्थित लष्करी अड्डों के नाम बदलने का भी प्रस्ताव विधेयक में होकर, ट्रम्प ने उसपर स्पष्ट नाराज़गी दर्शायी है।

us-trump‘नये विधेयक में, अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम होनेवाले कई प्रावधानों को स्थान नहीं दिया गया है। अमरिकी लष्कर का इतिहास और पूर्व सैनिकों को उचित सम्मान देनेवाले प्रावधान भी नकारे गये हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमरीका को ही प्राथमिकता देने के लिए प्रशासन ने किये प्रयास तथा विदेश नीति से संबंधित फ़ैसलें ठुकराये गये हैं’, ऐसे आक्रामक शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने रक्षाखर्च विधेयक को लेकर संसद की आलोचना की। अमरीका के ‘कम्युनिकेशन डिसेन्सी लॉ, १९९६’ के तहत ‘सेक्शन २३०’ यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित होने का दावा करके, उसमें बदलाव न करना यानी रशिया और चीन जैसे देशों को दिया उपहार साबित होता है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया।

us-trumpराष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इन्कार करने के कारण, अगले हफ़्ते में अमेरिकी संसद का विशेष सत्र बुलाया जायेगा, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी। राष्ट्राध्यक्ष का नकाराधिकार (वेटो) खारिज़ करने के प्रस्ताव पर चर्चा तथा मतदान करके रक्षा विधेयक को मंज़ुरी दी जायेगी, ऐसा भी सूत्रों ने स्पष्ट किया। ट्रम्प के नकाराधिकार पर विरोधी पार्टी के साथ ही सत्ताधारी गुट से भी नाराज़गी का स्वर उमड़ा है। राष्ट्राध्यक्ष के इन्कार से रक्षाबलों की कार्यक्षमता पर परिणाम होगा, ऐसे संकेत राजनीतिक दायरे से दिये जा रहे हैं।

us-trumpरक्षा विधेयक से पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, प्रशासकीय खर्च के साथ कोरोना की महामारी का मुक़ाबला करने के लिए वित्तसहायता की आपूर्ति करनेवाला विधेयक भी रोक रखा है। इस विधेयक में आम अमरिकी जनता के लिए पर्याप्त प्रावधान ना होने की तक़रार ट्रम्प ने की है। कोरोना महामारी का मुक़ाबला करने के लिए हर एक अमरिकी नागरिक को दो हज़ार डॉलर्स की वित्तसहायता मिलनी चाहिए, ऐसी माँग ट्रम्प ने की है। लेकिन संसद ने मंज़ूर किये विधेयक में केवल ६०० डॉलर्स का ही प्रावधान है।

कोरोना वित्तसहायता और रक्षा विधेयकों पर नकाराधिकार का इस्तेमाल करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने संसद के खिलाफ़ खुलेआम संघर्ष का ऐलान किया होने का दावा विश्‍लेषकों द्वारा किया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में यह संघर्ष अधिक तीव्र होने की चेतावनी भी दी गयी है।

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